डायल 100: हर मुसीबत का हमसफर बनी यूपी पुलिस

Ashish DeepAshish Deep   19 Nov 2016 4:19 PM GMT

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डायल 100: हर मुसीबत का हमसफर बनी यूपी पुलिसमुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को डायल 100 सेवा का उद्घाटन किया।

लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को डायल 100 सेवा का शुभारंभ किया। कहा जा रहा है कि डायल 100 पर मदद मांगने पर पुलिस 20 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचेगी।

सवाल यह उठता है कि ऐसी सेवाएं तो पहले भी थीं तो इसे अलग से क्यों शुरू किया गया। जानकार बताते हैं कि डायल 100 नागरिक पुलिसिंग से एकदम अलग है। इसकी स्थापना अमेरिका की 911 सेवा की तर्ज पर हुई है, जिस पर किसी भी प्रकार की मदद मांगी जा सकती है। इसमें जंगली जानवर के हमला करने से लेकर सड़क दुर्घटना में घायल होने तक सभी तरह की आपदा में पुलिस मदद करेगी।

डायल 100 के फायदे

1. अगर जंगली जानवर मसलन बाघ, भेड़िया आदि हमला कर दे तो इस सेवा पर मदद मांगने पर पुलिस तुरंत पहुंचेगी।

2. सांप, बंदर या कुत्ते के काटने पर तक डायल 100 से मदद मिलेगी।

3. यही नहीं अगर किसी भी आपदा में फंसे हैं तब भी पुलिस आपकी मदद करेगी।

4. डायल 100 में चौपहिया के साथ-साथ दो पहिया वाहन भी हैं जो घटनास्थल पर सूचना मिलने के भीतर 15 से 20 मिनट में पहुंचेंगे।

5. इस सेवा के वाहनों को जीपीएस और रेडियो सेट से लैस किया गया है जो घटनास्थल पर तुरंत पहुंचाएंगे।

डायल 100 का काल सेंटर, जो 24 घंटे सातों दिन काम करेगा।

6. जैसे ही कोई सूचना डायल 100 तक पहुंचेगी तो वह तत्काल पास के पुलिस थाने, अस्प्ताल, पशु बचाव केंद्र और स्थानीय नागरिक संस्था से संपर्क साधेगा और उन्हें घटनास्थल पर बुलाएगा।

7. सड़क दुर्घटना के मामले में अगर कोई डायल 100 पर खबर देता है तो पुलिस तत्काल पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था भी करेगी।

8. अगर कोई जंगली जानवर किसी गाँव या कस्बे में घुस आता है तो डायल 100 के जवान उस इलाके को तब तक सुरक्षा प्रदान करेंगे जब तक वहां वन विभाग के अफसर या कोई अन्य मदद नहीं पहुंच जाती है।

9. डायल 100 के जवानों को हर तरह के संकट से निपटने में सक्षम हैं, चाहे जंगली जानवर से सुरक्षा की बात हो या किसी आपदा में बचाव कार्य।

10. अमेरिका में 911 सेवा की शुरुआत इसलिए की गई थी कि अगर कोई भी किसी भी प्रकार के संकट में फंसा है तो वह इस नंबर पर डायल कर मदद मांग सकता है। 911 सेवा का काल सेंटर इस सूचना को संबंधित विभाग से साझा करता है और घटनास्थल तक तुरंत मदद पहुंचती है।

डायल 100 की शुरुआत पर कर्मचारियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

11. डायल 100 में शहरों में सूचना मिलने से घटनास्थल तक पहुंचने की समय सीमा दोपहिया के लिए दस मिनट और चौपहिया के लिए 15 मिनट है। गाँव में चार पहिया के लिए रिस्पांड टाइम 20 मिनट है।

12. इस परियोजना पर 2325.35 करोड़ रुपए का खर्च आया है। लखनऊ में मुख्यायल तो आगरा, गाजियाबाद, झांसी और वाराणसी में सहकेंद्र बनाए गए हैं।

13. 3200 वाहन इस सेवा में लगे हैं। जिनमें 1600 बाइकें हैं।

14. डायल 100 पर सूचना फोन या संदेश दोनों माध्यम से दी जा सकती है।

डायल 100 के कर्मचारियों से बातचीत करते मुख्यमंत्री।

    

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