जिला अस्पताल में न दवा, न डॉक्टर, कैसे मिले मरीजों को इलाज

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जिला अस्पताल में न दवा, न डॉक्टर, कैसे मिले मरीजों को इलाजइटावा के जिला अस्पताल का हाल, मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज।

इटावा। बदलते मौसम के चलते जिला अस्पताल में मरीजों की तादाद निरंतर बढ़ती जा रही है। जहां प्रतिदिन मरीजों की संख्या 520 से 700 रहती थी, अब यह संख्या एक हजार का अंक पार कर गई है। इसके बावजूद मरीजों को इलाज मुहैया नहीं हो रहा है। ऐसे में मरीजों को सैफई अथवा निजी अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।

पिछले दिनों डा. भीमराव अम्बेडकर संयुक्त चिकित्सालय के जिला अस्पताल को साफ-सफाई व सुविधा को देखते हुए केन्द्र व प्रदेश सरकार ने संयुक्त रूप से पचास लाख का इनाम देने की घोषणा की थी। इस धनराशि का उपयोग अस्पताल को और सुसज्जित करने और मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिये होना है, लेकिन इसके बावजूद यहां मरीजों को इलाज मुहैया नहीं हो रहा है।

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अस्पताल में दवाओं का आभाव है। रैबीज के इंजेक्शन सहित खांसी, दर्द जैसी बीमारियों के लिये सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं है। इतना ही नहीं, चिकित्सकों की भारी कमी है। मौजूद चिकित्सक या तो मरीजों को बाजार की दवाएं लिख रहे हैं अथवा उन्हें रेफर कर अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर रहे हैं। मरीजों की तादाद बढने से मौजूद चिकित्सक उनका न तो इलाज कर पा रहे हैं और न ही संतुष्टि दे पा रहे हैं।

इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके पालीवाल बताते हैं, ‘’अस्पताल को 50 लाख का इनाम देने की घोषणा हुई है, लेकिन इनाम की धनराशि अभी तक मिली नहीं है। दवा और चिकित्सकों का लम्बे समय से अभाव चल रहा है। शासन व विभाग को अवगत कराने के बावजूद व्यवस्था नहीं की जा रही है।‘’

     

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