बिना आवेदन बना दिए गए सैकड़ों मतदाता, अब अफसर गलती छुपाने के लिए फॉर्म-6 भरने में जुटे
गाँव कनेक्शन 23 Jan 2017 10:29 PM GMT
अजय मिश्र (स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क)
कन्नौज। दिन शुक्रवार समय करीब दोपहर के एक बजे। स्थान सदर तहसील के अंदर चल रहे सर्वे नायब तहसीलदार कार्यालय का। बुर्का पहने एक महिला आई और कहा, "साहब चलो, तहसील के निर्वाचन कार्यालय में। आपने बुलाया था और हम आ गए।" खिड़की के अंदर से झांककर उन साहब ने जवाब दिया, "अरे चली जाओ कार्यालय में। वहां फार्म दिए जाएंगे उनको भर देना। अगर जरूरत पड़े तो हमको या कानूनगो साहब को बुला लेना, रिपोर्ट लगा दी जाएगी।" इसके बाद वह महिला दूसरे भवन की ओर चली गई।
कुछ देर बाद सर्वे विभाग के ही एक दूसरे कर्मचारी ने अपने मोबाइल से महिला बीएलओ को फोन लगाया। कहा, "रविवार को ऑब्जर्वर साहब आ रहे हैं। आ जाओ। बैठक है समझ लो आकर। तुम्हारा बूथ लगा हुआ है निरीक्षण में।" उधर से जवाब आया, "आज विभागीय बैठक है। मैं नहीं आ सकती। कल आऊंगी कहकर महिला ने फोन काट दिया।" उन कर्मचारी ने दोबारा फोन लगाया लेकिन नहीं उठा। बाद में साहेबान नाराजगी में बोल पड़े, "वोट बने हुए हैं। फार्म मिल नहीं रहे। पूरी बात भी नहीं सुनी और फोन काट दिया।" इसी दौरान कार्यालय के अंदर से एक व्यक्ति हाथों में फाइल लेकर निकला उनसे इन कर्मचारी ने कहा, "वह बीएलओ कल आएगी। आज उसकी मीटिंग है।"
समय करीब दोपहर के दो बजे का। दिन शनिवार। स्थान वही सर्वे कार्यालय सदर तहसील कन्नौज। टेबल पर बैठकर राजस्व विभाग के एक कर्मचारी वोट बनाने वाले फार्म नंबर छह भरने में जुटे हैं। उनके साथ एक महिला भी बैठी हैं। वह भी तेजी से फार्म भरने और रिपोर्ट लगाने में व्यस्त हैं। इसी दौरान इस संवाददाता ने कहा, "क्या वोट बने हैं और आवेदन पत्र नहीं मिल रहे हैं वही फार्म भरे जा रहे हैं?" जवाब मिला, "हां।"
दो दिनों का एक सा दिखने वाला यह नजारा है कन्नौज सदर विधानसभा क्षेत्र का। यहां पर सैकड़ों ऐसे वोट बने हैं, जिनके आवेदन पत्र नहीं मिल रहे हैं। अफसर अपनी आफत बचाने के लिए फार्म छह भरने में जुटे हैं। ऐसे लोगों की सूची भी निकाल ली गई है, जिनके आवेदन पत्र आदि नहीं मिल रहे हैं। इस समय कई कर्मचारी और बीएलओ आवेदनों में रिपोर्ट लगाकर वोट को सही बताने में जुटे हैं, जिनके वोट बने हैं और अभिलेख गायब हैं।
सवाल
- - आखिर बिना आवेदन पत्र के सैकड़ों लोगों के वोट कैसे बना दिए गए?
- - आवेदन पत्र यानि फार्म छह आए थे तो वह कहां चले गए?
- - किसी कर्मचारी की मिलीभगत तो नहीं है जो वोट फीड कर दिए गए हों?
- - वोट की जांच की बजाय कर्मचारी आखिर फार्म छह अपने हाथों से क्यों भर रहे हैं?
जिनके आवेदन आए थे, उनके ही वोट बने हैं। अगर कुछ ऐसा हो तो बताइएगा।अशोक सिंह, एसडीएम सदर/आरओ कन्नौज विधानसभा क्षेत्र।
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