राज्यसभा की कार्यवाही छह बार के स्थगन के बाद अंतत: दिनभर के लिए स्थगित हुई

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   28 March 2017 7:25 PM GMT

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राज्यसभा की कार्यवाही छह बार के स्थगन के बाद अंतत: दिनभर के लिए स्थगित हुईराज्यसभा की कार्यवाही।

नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग सहित विभिन्न संवैधानिक आयोगों में रिक्तियोंं को लेकर आज राज्यसभा में कांग्रेस नीत विपक्ष ने भारी हंंगामा किया, जिससे सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हुई और छह बार के स्थगन के बाद इसे अंतत: दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

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सरकार की ओर से हालांकि स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा गया कि रिक्त पदों पर नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी है और पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के चलते लागू आचार संहिता की वजह से नियुक्ति प्रक्रिया में देर हुई। सुबह बैठक शुरू होते ही विपक्ष ने अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यक आयोग में सदस्यों सहित विभिन्न पदों के रिक्त होने का मुद्दा उठाया और इस पर चर्चा कराने की मांग की।

कांग्रेस ने इन इन आयोगों में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्तियां एक हफ्ते के भीतर किए जाने की मांग की। कांग्रेस, सपा, बसपा और जदयू के सदस्यों ने कई बार आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

हंगामे से नहीं हो सके शून्यकाल और प्रश्नकाल

सदन में हंगामे के कारण आज शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो सके। शून्यकाल में सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यक आयोग में कई पद रिक्त पड़े हैं और उन पर नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं, करीब 80 से 85 फीसदी आबादी राहत के लिए बाट जोह रही है।

रामगोपाल यादव ने कहा कि इसी बीच मंत्रिमंडल ने नया आयोग बनाने का फैसला कर लिया। लेकिन इस नए आयोग में उन जातियों को शामिल नहीं किया जाएगा, जिनको पिछड़ी जातियों में शामिल करने की सिफारिश मंडल आयोग ने की थी। बल्कि संसद तय करेगी कि किस जाति को इस आयोग में शामिल करना है और किसे नहीं करना है।

बसपा नेता मायावती।

बसपा नेता मायावती ने कहा कि देश की आबादी में अपनी 80 से 85 फीसदी की मौजूदगी दर्शाने वाले अनुसूचित जति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लंबे संघर्ष के बाद उनके हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए आयोगों का गठन हुआ। लेकिन इस सरकार ने सभी आयोगों को ठंडे बस्ते में डाल रखा है।

आयोगों में लंबे समय से पद रिक्त पड़े हैं, उन्होंने सवाल किया कि आखिर इन आयोगों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां क्यों नहीं की जा रही हैं।
मायावती सुप्रीमो बसपा

सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने आयोग में किए जा रहे बदलावों का स्वागत किया है।

उन्होंने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोगों के बीच भ्रम फैलाने की यह विपक्ष की राजनीतिक रणनीति है, उन्होंने कहा कि सभी आयोग काम कर रहे हैं, रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया जारी है और रिक्तियों को भरा जाएगा।

नकवी ने पूछा, पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में आयोगों में कितने पद रिक्त थे

हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार पर आरोप लगाने वाले सदस्य यह बताएं कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में आयोगों में कितने पद रिक्त थे और कब इन पर नियुक्तियां की गईं। नकवी ने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण आचार संहिता लागू होने की वजह से इन आयोगों के सदस्यों की भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में भी विभिन्न आयोगों में पदों के भरने में एक साल या ज्यादा की देरी हुई थी।

सदन में हंगामे के कारण भोजनावकाश के पहले चार बार बैठक स्थगित हुई।

भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुुरू होने पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इन चारों आयोगों में या तो अध्यक्ष नहीं हैं या पूरे सदस्य नहीं हैं, नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मांग की कि वह एक हफ्ते के भीतर इन आयोगों में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्तियां करे।

जदयू सदस्य शरद यादव।

जदयू सदस्य शरद यादव ने कहा कि 70 साल से ऐसे आयोग गठित होने के बावजूद सरकारी नौकरियों में आरक्षित पदों पर बड़ा बैकलॉग है।

उप सभापति पीजे कुरियन ने विपक्षी सदस्यों की इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि वह चर्चा के लिए नए सिरे से नोटिस दें।

सदन में हंगामे के बीच ही नकवी ने कहा कि इस मुद्दे पर हम तथ्यात्मक स्थिति से सदन को अवगत कराने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्गों की आंखों में खुशी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

हंगामे के बीच ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के कारण इन आयोगों के पदों पर भर्ती नहीं हो पाई थी लेकिन अब इन्हें जल्दी ही भरा जा रहा है, एसटी आयोग में नियुक्तियां कर दी गई हैं।

हंगामे के कारण दोपहर बैठक दो बज कर पंद्रह मिनट पर पहले दस मिनट के लिए फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में अपनी बात कहते समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल।

तीन बजे बैठक शुुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा और सपा सदस्य नरेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि दोनों मंत्रियों ने सदन को गुमराह किया है और सरकार आयोगों का पुनर्गठन नहीं करना चाहती।

उपसभापति पूरे दिन के लिए स्थगित की

उपसभापति कुरियन ने इस मुद्दे पर कल दोपहर दो बजे चर्चा करने और अभी वित्त विधेयक पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया। लेकिन सदस्यों ने इस सुझाव को स्वीकार नहीं किया। सदन में हंगामे के कारण कुरियन ने तीन बजकर करीब 10 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

                

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