भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों ने भारत में चिकिस्तीय पेशेवरों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की  

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भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों ने भारत में चिकिस्तीय पेशेवरों के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की   भारत में चिकिस्तीय पेशेवरों के खिलाफ हो रही हिंसा।

वाशिंगटन (भाषा)। भारत में डॉक्टरों पर बढ़ते हमलों की निंदा करते हुए भारतीय अमेरिकी डॉक्टरों के एक प्रभावशाली संगठन ने चिकित्सीय पेशेवरों के खिलाफ होने वाली हिंसा को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की है।

अमेरिकन असोसिएशन ऑफ फिजीशियन्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआई) के अध्यक्ष अजय लोढ़ा ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह हर संभव प्रयास करे, चिकित्सीय पेशेवरों के खिलाफ चल रही हिंसा को खत्म करे और उन्हें सम्मान, गौरव एवं सुरक्षा के साथ देश की सेवा जारी रखने का मौका दे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत में चिकित्सक डरा हुआ महसूस करते हैं। उन्हें अपना जीवन खतरे में लगता है। कुछ अस्पताल प्रशासनों ने तो बाउंसर भी रखने शुरु कर दिए है, ताकि उनकी मौजूदगी में मरीजों के संबंधी उग्र रवैये से परहेज करें।’’ लोढ़ा ने कहा, ‘‘डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की हालिया घटनाओं के चलते कई राज्यों में चिकित्सीय समुदाय हड़ताल पर हैं। यह देखभाल चाहने वाले लोगों के लिए और डॉक्टरों के लिए भी अच्छा नहीं है।’’ एएपीआई भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों का एक मूल संगठन है और इसके लगभग 90 स्थानीय चैप्टर हैं।

लोढा ने कहा, ‘‘भारत में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा इस स्तर तक पहुंच गई है कि चिकित्सीय कर्मी काम पर आने से डरते हैं और उन्हें अपने कार्यस्थल यानी अस्पतालों में पुलिस की जरुरत पड़ती है।’’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 के बाद से अकेले महाराष्ट्र राज्य में ही लगभग 49 डॉक्टरों पर हमला किया जा चुका है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा एक ऐसे क्षेत्र में भारी नुकसान कर देगी, जहां हम तेजी से वैश्विक नेताओं के तौर पर उभर रहे हैं। इससे भारत के स्वास्थ्य उद्योग को अपूर्णनीय क्षति होगी और हमारी छवि हमेशा के लिए दागदार हो जाएगी।’’

        

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