नोटबंदी के बाद कालेधन पर सरकार को मिला 6000 करोड़ रुपए का टैक्स

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नोटबंदी के बाद कालेधन पर सरकार को मिला 6000 करोड़ रुपए का टैक्सकालेधन पर लगाम के लिए 500 और 1000 के नए नोट जारी किए।

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से सामने आए अघोषित आय पर अब तक 6,000 करोड़ रुपए का टैक्स वसूला जा चुका है। काले धन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के उपाध्यक्ष जस्टिस अरिजित पसायत ने ये जानकारी और कहा कि टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में आई यह राशि आगे और बढ़ सकती है।

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कालेधन पर नकेल के मकसद से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का चलन बंद किए जाने के बाद टैक्स अधिकारियों ने उन लोगों से जवाब तलब किया था, जिन्होंने अपने और दूसरों के अकाउंट में बड़ी राशि जमा कराई थी। इनमें से कई लोग तो अपनी अघोषित आय पर जुर्माने के रूप में 60% टैक्स देने को तैयार हो गए, जो कि अब बढ़ा कर 75 फीसदी कर दी गई है। काले धन के खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीटीडी) सहित दूसरी एजेंसियों की मुहिम की निगरानी कर रहे एसआईटी अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह के साथ इस काम में जुटे पसायत ने कहा, 'टैक्स अधिकारियों ने अब तक करीब 6,000 करोड़ रुपए इकट्ठे किए हैं।'

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एसआईटी उपाध्यक्ष पसायत ने यह बताने से तो इनकार कर दिया कि इस जुर्माने से कुल कितना धन एकत्र होने का अनुमान है, लेकिन इतना जरूर कहा कि यह राशि काफी ज्यादा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद काले धन के खिलाफ चलाई गई मुहिम के पहले चरण में 50 लाख रुपए या उससे ज्यादा रकम जमा करने वालों पर नजर रखी गई। उन्होंने बताया कि इन जमाकर्ताओं को ईमेल और एसएमएस भेजे गए, जिस पर कई लोग सजा से बचने के लिए टैक्स अदा करने को तैयार हो गए।

बड़ी राशि जमा करने वाले व्यापारियों से मांगा गया तीन साल का बैलेंस सीट

पसायत ने बताया कि ओडिशा जैसे गरीब माने जाने वाले राज्य में हजारों लोगों को ऐसे ईमेल और एसएमएस भेजे गए हैं। उन्होंने कहा, '50 लाख रुपए जमा कराने वाले 1,092 लोगों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है।' जमा की गई हर राशि को जांचने में टैक्स अधिकारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है।

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बैंक खातों में बड़ी राशि जमा करने वाले व्यापारियों को पिछले तीन साल का बैलंस शीट पेश करने के साथ ही हर साल के टैक्स रिटर्न का ब्यौरा भी मांगा गया है। टैक्स अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बड़ी राशि जमा कराने वाले सरकारी अधिकारियों के साथ सख्ती से पेश आएं। उनकी तरफ से जमा कराई गई अघोषित नकदी को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जब्त किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, 'ओडिशा में एक वन मंडल अधिकारी (डीएफओ) ने 2.5 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। जाहिर है कि वह इस राशि का स्रोत नहीं बता सकते। ऐसे में उनका पूरा पैसा जब्त कर लिया जाएगा, क्योंकि यह रिश्वत का पैसा है।'

45 लोगों के खिलाफ अभियोजन शुरू

वहीं टैक्स चोरी के लिए मोसैक फोंसेक कंपनी के जरिए विदेशों में शेल कंपनियां स्थापित करने के आरोपों में घिरे करीब 500 भारतीयों और एनआरआई से जुड़े पनामा पेपर्स मामले पर पसायत ने बताया कि सभी को नोटिस जारी की गई थी, लेकिन 200 से ज्यादा ने इसका कोई जवाब नहीं दिया्र। वह कहते हैं, 'अधिकारियों ने 45 लोगों के खिलाफ अभियोजन शुरू किया है।'

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