सुनिए मोदी जी: 75 साल की बुजुर्ग महिला बोली, ‘पेंशन मिल जाती तो बुढ़ापा ठीक से कट जाता’

Neetu SinghNeetu Singh   16 March 2017 9:36 PM GMT

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सुनिए मोदी जी: 75 साल की बुजुर्ग महिला बोली, ‘पेंशन मिल जाती तो बुढ़ापा ठीक से कट जाता’75 साल की रामदेवी ने प्रदेश की नई सरकार से लगा रखी हैं कई उम्मीदें।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कानपुर देहात। “अगर हमारी विधवा पेंशन बंध जाए तो हमारी साग सब्जी और रोज के खर्चे चलने लगे, कई बार फॉर्म भरा पर कुछ हुआ नहीं, बुढ़ापा में कुछ किये होता नहीं है, अपने खर्चे के लिए लड़कों का मुंह ताकना पड़ता है ।" ये कहना है 75 वर्षीय राम देवी का ।

कानपुर देहात जिले से 30 किलोमीटर दूर राजपुर ब्लॉक के डाढापुर गाँव की रहने वाली राम देवी प्रदेश की अकेली महिला नहीं हैं, जिन्हें पेंशन नहीं मिलती हैं। इनकी तरह कई महिलाएं हैं जो सालों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट-काटकर परेशान हो चुकी हैं और अब तो उन्होंने पेंशन की उम्मीद भी छोड़ दी है ।

मेरे पति को मरे 11 साल हो गये हैं, तबसे आज तक न जाने कितनी बार फॉर्म भरा, जमा किया,कई बार घूस भी दी पर अभी तक हमारी पेंशन नहीं बंधी, ये सरकार बस पेंशन दे दे तो बुढ़ापा ठीक से कट जाए।
राम देवी, बुजुर्ग, कानपुर देहात

इस उम्र में भी चूल्हे पर अपने हाथ से खाना बनाती हैं रामदेवी।

राम देवी बताती हैं, “मेरे पति को मरे 11 साल हो गये हैं, तबसे आज तक न जाने कितनी बार फॉर्म भरा, जमा किया, फॉर्म जमा करने के समय कई बार घूस भी दी पर अभी तक हमारी पेंशन नहीं बंधी ।“ वो आगे कहती हैं, “अब तो मरने को बैठे हैं, चुनाव भी हो गये हैं, अब पता नहीं इस बार भी पेंशन मिलेगी या नहीं, हमने तो अब उम्मीद ही छोड़ दी है ।“

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2016-17 के बजट में वृद्धावस्था पेंशन के लिए 1550 करोड़ और समाजवादी पेंशन के लिए3327 करोड़ बजट रखा था। विधवा पेंशन योजना उत्तर प्रदेश सरकार के 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार, पेंशनर्स लाभार्थी लगभग 17 लाख 20 हजार हैं। इनमें सामान्य महिलाएं 2.38 लाख, मुस्लिम भागादारी 2.03 लाख, ओबीसी7.89 लाख, एएसी 4.64 लाख और एसटी 0.10 लाख है ।

ये सिर्फ कानपुर जिले की ही बात नहीं है प्रदेश के ऐसे कई जिले हैं जहाँ की पात्र महिलाओं को पेंशन जैसी जरूरी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है ।अगर हम औरैया जिले की बात करें तो जिला मुख्यालय से 10किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में शिवकरपुर गाँव की रहने वाली धर्मा देवी (54 वर्ष) कहती हैं, “जब भी चुनाव शुरू होता है चाहें वो प्रधानी का हो या विधायकी का, हर कोई यही कहता है इस बार अगर जीत गये तो पेंशन जरुर मिलेगी, जीतने के पांच साल तक वो दिखाई नहीं देते।" वो आगे कहती हैं मेरे घर में कोई कमाने वाला नहीं है, रोजी रोटी चलानी मुश्किल है अगर पेंशन मिलने लगे तो खर्चे चलने लगे ।“ शिवकरपुर मजरा में 350 वोटर हैं,इस पूरे मजरे में सिर्फ दो महिलाओं को ही पेंशन मिलती है जबकि केवल विधवा और वृद्धा पेंशन की 25-30महिलाएं पात्र हैं, जिन्होंने कई बार फॉर्म भरे पर उन्हें अभी तक पेंशन मिलनी नहीं शुरू हुई है । वहीं इस मजरे केतुर्कीपुर ग्राम पंचायत के प्रधान विष्णु शुक्ला का कहना है, “जिन महिलाओं को पेंशन नहीं मिल रही है उनके बीपीएल सूची में नाम नहीं है

आज भी धरातल पर सही साबित नहीं हो पा रही योजनायें

सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई तरह की लाभकारी योजनाये चलायी जा रही हैं जिसमे खासतौर पर विधवाओं के लिए विधवा पेंशन योजना चलायी जा रही है । जिससे ये समाज में सम्मान पूर्वक रह सके और और खुद को आत्मनिर्भर महसूस कर पायें । सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार से जनकल्याणकारी योजना को धरातल में लागू करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीणों को इस तरह की योजनाओं की सही जानकारी न होने और प्रशासनिक उदासीनता से ये योजनायें धरातल पर लागू नहीं हो पा रही हैं ।

विधवा पेंशन योजना के लिए पात्रता

· पति की मृत्यु के बाद निराश्रित महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

· महिला गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही हो।

· महिला बच्चे नाबालिग हो अथवा बालिग होने पर कमाने में असमर्थ होँ।

· निराश्रित महिला द्वारा पुर्नविवाह न किया गया हो अथवा शासन के अन्य विभाग द्वारा वृद्धावस्था या अन्य कोई पेंशन या शासकीय सहायता प्राप्त न रही हो।

· पेंशन की दर 300 रुपये प्रति माह लाभ मिलता है। विधवा पेंशन योजना के आवेदन करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के ग्राम सभा व शहरी क्षेत्र में आवेदन करने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। विधवा पेंशन योजना के पैसे का भुगतान हर 6-6 माह की दो समान किश्तों में धनराशि वितरित की जाती है। साथ ही धनराशि का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है।

         

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