क्यों हैं इन लड़कियों के हांथों में बन्दूकें

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क्यों हैं इन लड़कियों के हांथों में बन्दूकेंगाँव कनेक्शन

शामली। चौदह साल की नेहा ने जब मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेना शुरु किया तो घर वालों के साथ ही अगल-बगल के लोगों ने भी मना किया कि तुम बाहर खेलने नहीं जा सकती हो, लेकिनलोगों के विरोध के बावजूद नेहा ने प्रशिक्षण लेना बंद नहीं किया बल्कि प्रदेश स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई।

नेहा की तरह ही शामली ज़िले के कई गाँव की लड़कियां खेल में अपना कैरियर बनाना चाहती थीं, लेकिन उनके घर वालों ने मना किया, ऐसे में उनके कॉलेज की टीचर्स ने उनका साथ दिया। शामली ज़िला मुख्यालय से लगभग 15 किमी दूर झिंझना में स्थित बलवंती देवी कन्या इंटर कॉलेज में लड़कियों को पढ़ाई के साथ ही मार्शल आर्ट, खो-खो, एथलीट, निशानेबाजी जैसे खेल भी सिखाये जाते हैं। यही नहीं यहां कई लड़कियां राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर तक खेल चुकी हैं। लड़कियों को सिखाने के लिए कालेज में दो स्पोर्ट टीचर भी हैं जो हर दिन दो घंटे अभ्यास कराती हैं।

बम्भेड़ी गाँव की नेहा बताती हैं,  ''शुरु में घर में भी सब लोग खेलने से मना करते थे, गाँव वाले भी कहते कि सुबह अकेले दौडऩे जाती है। मैं अकेली लड़की दौडऩे जाती हूं। तब प्रिसिंपल ने घर वालों को समझाया कि इसमें बुराई क्या है।’’

वहीं पिंडोरा गाँव की रिया (16 वर्ष) खो-खो, शूटिंग, मार्शल आर्ट सभी में आगे हैं। रिया मेरठ, दिल्ली, हरियाणा में खेल चुकी है। रिया बताती हैं, ''अगर ज़िले में स्टेडियम बन जाए तो हम लोगों को सीखने को मिल जाएगा।’’ रिया की तरह ही ग्यारवीं में पढऩे वाली चौदह वर्ष की नेहा दो वर्षों से मार्शल आर्ट सीख रही हैं। नेहा मेरठ, हस्तिनापुर और अलीगढ़ में खेलने जा चुकी हैं और सिल्वर मेडल भी जीत चुकी हैं।

बलवंती देवी कन्या इंटर कॉलेज के निदेशक अंकित तोमर बताते हैं, ''हमने लड़कियों के लिये स्कूल खोला तभी सोचा था कि पढ़ाई के साथ एक्स्ट्रा एक्टीविटीज पर भी ध्यान देंगे। लड़कियां शुरु में तो खेल में कम रुचि दिखाती थीं और घर वाले भी मना करते थे, लेकिन अब लड़कियां पढ़ाई के साथ ही दूसरी एक्टीविटीज में आ रही हैं।’’

कालेज की सौ से भी ज्यादा लड़कियां पढ़ायी के साथ ही खेल में भी हाथ आजमा रहीं हैं और लगभग एक दर्जन लड़कियां प्रदेश स्तर पर खेल चुकी हैं। लड़कियों ने कई मेडल भी जीते हैं। हर दिन दो घंटे लड़कियां खेल का अभ्यास करती हैं।

बलवंती देवी कन्या इंटर कॉलेज की स्पोर्ट टीचर विजेयता पिछले तीन वर्षों से लड़कियों को खेल की बारीकियां सिखा रही हैं। विजेयता बताती हैं, ''पिछले साल से ही हमने लड़कियों को बाहर भेजना शुरू किया, पहले लड़कियां ब्लॉक और ज़िला स्तर पर ही खेलती थीं। दो घंटे खेल में ही लिया जाता है ताकि अभ्यास हो सके।’’

कॉलेज में अब 60 लड़कियां प्रधानमंत्री कौशल विकास के तहत ब्यूटी पार्लर, सिलाई कढ़ायी भी सीख रही हैं। कालेज में आठ वर्षों से पढ़ा रही नीलम ठाकुर ने अब लड़कियों को ब्यूटी पार्लर, सिलाई कढ़ायी जैसे कोर्स भी करा रही हैं।

ब्यूटी पार्लर का कोर्स कर रही चौंधरी गाँव मानसी कहती हैं, ''अभी इंटर में हूं आगे ब्यूटी पार्लर का कोर्स बहुत काम आयेगा, गाँव में शादियों में ब्यूटीशियन की बहुत मांग है,कुछ नहीं तो अपना खर्च तो निकल जाएगा।’’

 

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