बड़े नोट बंद होने से प्रभावित हो सकती है रबी फसलों की बुवाई

Vineet BajpaiVineet Bajpai   11 Nov 2016 8:56 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बड़े नोट बंद होने से प्रभावित हो सकती है रबी फसलों की बुवाईबड़े नोट बंद होने से प्रभावित हो सकती है रबी फसलों की बुवाई।

लखनऊ। प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार की रात 1000 और 500 रुपए के नोट बंद होने के फैसले के साथ ही किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल ये फैसला उस समय लिया गया है जब रबी फसलों की बुवाई जोरों पर है और किसानों को पैसे की सख्त ज़रूरत है। इस फैसले से रबी फसलों की बुवाई में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और कुछ हद तक बुवाई में देरी भी हो सकती है।

सीतापुर से करीब 30 किमी. दूर अल्लीपुर गाँव के रहने वाले किसान विनोद मौर्या (40 वर्ष) बताते हैं, ‘सरकार का ये फैसला सही है, लेकिन इस फैसले से हम किसान लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इस समय किसान को खेत की जुताई से लेकर खाद, बीज खरीदने और बुवाई करने तक हर जगह पैसे की सबसे ज़्यादा जरूरत है और 500 और 1000 के नोट कोई ले नहीं रहा है, जिसकी वजह से कुछ काम रुक गया है।’ विनोद के पास तीन एकड़ खेत है और तीन एकड़ खेत ठेके पर ले रखा है।

कृषि मंत्रालय के अनुसार पहले ही रबी फसलों की बुवाई का रकबा इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले करीब आठ लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है। इस बार रबी सीजन में करीब 81.5 लाख हेक्टेयर जमीन पर फसलों की बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक रबी फसलों की बुवाई 88.92 लाख हेक्टेयर रही थी। चार नवंबर तक देश में 4.28 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई हुई है, 24.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में दालों की बुवाई हुई है। मोटे अनाज की बुवाई 13.84 और तिलहन की बुवाई 29.79 लाख हेक्टेयर इलाके में हुई है।

दुकानदार हर किसी को उधार में बीज नहीं दे सकता

वेदप्रकाश से जब ये पूछा गया कि खाद और बीज दुकान से उधार नहीं मिल सकता? इस पर उन्होनें कहा कि हां मिल सकता है, लेकिन इस समय ज़रूरत सबको है, ऐसे में दुकानदार अगर सबको उधार दे देगा तो उसकी दुकान कैसे चलेगी, उसको भी तो सामान खरीदने के लिए पैसे चाहिए। वह कहते हैं कि जिन लोगों को थोड़े बहुत बीज खाद की ज़रूरत है या दुकानदार का करीबी है उसको तो मिल जाएगा, बाकी लोगों को तो इंतजार ही करना पड़ेगा।

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.