कम होगा अलनीनो का प्रभाव, अच्छी होगी बरसात

Ashwani NigamAshwani Nigam   28 March 2017 7:22 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
कम होगा  अलनीनो का प्रभाव, अच्छी होगी बरसातकिसानों को घबराने की जरूरत नहीं।

लखनऊ। इस बार भले ही सामान्य से अधिक गर्मी और तापमान में बढ़ने की भविष्यवाणी मौसम ने की है लेकिन साथ ही मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि यह गर्मी इस बार अच्छे मानसून का संकते भी है। इस बार अच्छी बारिश होने की संभावना है और प्रशांत महासागर में उत्पन्न होने वाले अलनीनो का प्रभाव भी कम होगा।

ये भी पढ़ें- बदलते मौसम से फसलों पर बढ़ा कीट व रोग का खतरा

विश्व मौसम संगठन और मौसम की जानकारी देने वाली कई अंतराष्ट्रीय एजेंसियों ने जून और जुलाई में प्रशांत महासागर में अलनीनो उत्पन्न होने की संभावना जताई थी लेकिन भारतीय मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए ताजा अनुमान के मुताबिक अलनीनो अगस्त के अंत या सितंबर के शुरूआत में विकसित हो सकता था लेकिन अब इसकी संभावना बेहद कम हो गई है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश ने बताया '' गर्मी बढ़ने और प्रशांत महासागर में मानसून पर प्रभाव डालने वाली कई गतविधियों के बारे में जो संकते मिले हैं उसके अनुसार मानसून इस बार सामान्य रहेगा। बरसात अच्छी होने की संभावना है। ''

खेती किसानी से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

उन्होंने बताया कि इस बार का मानसून कैसे रहेगा इसकी अधिकारिक भविष्यवाणी अप्रैल के दूसरे सप्ताह में जारी किया जाएगा। लेकिन अभी तक जो संकेत मिले हैं उसके मुताबिक अलनीनो की विकसित होने की संभावना मात्र 30 फीसदी है और जिस समय यह विकसित होगा उस समय मानसून अपने अंतिम चरण में होगा।

ये भी पढ़ें- इस साल भी जारी है मौसम से जुड़ी विषम परिस्थितियां: विश्व मौसम विज्ञान संगठन

उस समय बुवाई से लेकर कृषि के अधिकतर काम हो चुके होंगे। लखनऊ के अमौसी स्थित मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया '' इस बार सामान्य से एक डिग्री ज्यादार गर्मी पड़ने का पुर्वानुमान लगाया गया है। यह स्थिति मानसून के प्रवाह के लिए अच्छी होती है। '' उन्होंने कहा कि अभी उत्तर भारत में गर्मी कम है लेकिन आने वाले एक हफ्ते में यह बढ़ेगी लेकिन गेहूं की फसल का इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। गेहूं के पकने की प्रकिया लगभग अंतिम चरण में है।

जेपी गुप्ता ने बताया कि मानसून कैस रहेगा इसका अनुमान लगाने के लिए पांच पैमानों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि अलनीनो से डरने की जरूरत नहीं है। कुछ साल ऐसे भी है जब अलनीनो के बाद भी मानसून की अच्छी बारिश हुई है। मौसम में आर रहे उतार चढ़ाव से अभी घबराने की जरूरत नहीं है। गुप्ता ने बताया कि उत्रर प्रदेश में इस साल गर्मी के बावजूद भी मौसम में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आने वाला है। मौसम विभाग ने अप्रैल में गरम हवा और अधिक गर्मी को लेकर जो अलर्ट जारी किया है उसमें उत्तर प्रदेश शामिल नहीं है।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

           

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.