एक साथ कई काम करती है प्याज़ की रोपाई करने वाली ये जादुई मशीन
गाँव कनेक्शन 10 Sep 2018 7:08 AM GMT
लखनऊ। जो किसान थोड़ी बहुत ज़मीन में प्याज़ की खेती करते हैं उन्हें तो खैर ज़्यादा परेशानी नहीं होती है लेकिन जो लोग ज़्यादा क्षेत्र में प्याज की खेती करते हैं उनको प्याज़ की नर्सरी लगाने में काफी परेशानी होती है, क्योंकि प्याज की बेड़ को हाथ और खुरपी की मदद से लगाना होता है, जिससे किसान का पैसे के साथ-साथ समय भी अधिक लगता है। इस परेशानी से निपटने के लिए पेशे से किसान और अन्वेषी केपी एस मोरे (66 साल) ने एक ट्रांसप्लांटर मशीन बनाई है, जिससे आसानी से प्याज की बुवाई की जा सकती है।
मोरे का गाँव पुरा सिरड़ी से 45 किमी दूर गोदावरी नदी के किनारे स्थित हैं। आमतौर पर जब कोई ऐसा अविष्कार करता है तो वो तुरन्त इसका पेटेंट करवा लेता है लेकिन पीएस मोरे ने विकसित किए गए इस मशीन की नकल करने और इस तकनीक के जरिए दूसरी मशीन बनाने की भी लोगों को छूट दी है, ताकि इसके जरिए किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकें।
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ऐसे काम करता है प्याज ट्रांसप्लांटर -
प्याज ट्रांसप्लांटर ट्रैक्टर से चलने वाला सेमी – ऑटोमेटिक इकाई है जो एक साथ तीन काम – प्याज की बुआई, उर्वरक लगाना और उसके किनारे किनारे सिंचाई के लिए नाली बनाने का काम करता है।
इस मशीन में एक जुताई का फ्रेम, फर्टीलाइज़र बॉक्स, उर्वरकों के बहने के लिए नलियां, बीज पौधों को रखने के लिए ट्रे, दो पहिए, खांचा खींचने वाला, बीज पौधों को नीचे ले जाने के लिए फिसलन प्रणाली और चार लोगों तक के बैठने की जगह होती है। मशीन से पौधारोपण करने से पहले खेत की जुताई जरूरी होती है।
जब ट्रैक्टर आगे बढ़ता है तो मापक प्रणाली फर्टीलाइजर को ट्यूब में छोड़ती है। खेतों में ट्रेक्टर की गति एक से डेड़ किलोमीटर प्रति घंटे की रखी जाती है। बीज पौधों को हाथों से उपकरण में बने नलिकाओं में छोड़ा जाता है। मशीन के जरिए दो पौधों के बीच की जगह और पंक्ति को अपनी मर्जी के हिसाब से निर्धारित किया जा सकता है। चार मजदूरों और एक ड्राइवर की मदद से ये मशीन प्रतिदिन ढाई एकड़ में प्याज की बुआई कर देती है। इस मशीन से अनाज और दालों की बुआई भी की जा सकती है।
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