कड़ाके की ठंड में खूब आएगा बौर, नष्ट होंगे फसल के घातक कीट

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कड़ाके की ठंड में खूब आएगा बौर, नष्ट होंगे फसल के घातक कीटयह कड़ाके की ठंड आम की फसल में लगने वाले घातक कीटों के लिए जानलेवा है।

सुधा पाल

लखनऊ। कुछ दिनों से आ रहे मौसम के बदलाव ने जहां लोगों को घरों में रहने पर मजबूर कर दिया है वहीं यह बदलाव आम उत्पादन के लिए बेहतर साबित हो सकता है। तापमान में लगातार गिरावट से होने वाले कोहरे और सर्द हवाओं की वजह से आम की फसल को फायदा हो रहा है।

यह कड़ाके की ठंड आम की फसल में लगने वाले घातक कीटों के लिए जानलेवा है, जो फसल में लगकर उसे पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं। इसके साथ ही इस मौसम में बौर अभी पूरी तरह से बाहर नहीं आए हैं। राजधानी का न्यूनतम तापमान शुक्रवार को शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा जबकि अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के नजदीक रहा। आम की फसल में कुछ ही दिनों में बौर आने वाले हैं।

मैं 20 एकड़ में आम का उत्पादन करता हूं। एक एकड़ में लगभग 50 पेड़ लगे हुए हैं जिनसे 8 लाख रुपए तक की पैदावार हो जाती है। इस मौसम से आम की फसल को कोई नुकसान नहीं है बल्कि अच्छा है। इससे सभी कीट मर जाएंगे और बौर भी सुरक्षित निकलेंगे
कलीमउल्लाह खान, मलिहाबाद ब्लॉक के आम उत्पादक

कलीमउल्लाह ने बताया कि फसल में इस समय लगने वाले मुख्य कीट भुनगा कीट (मैंगो हॉपर) और जाला कीट काफी खतरनाक होते हैं। भुनगा कीट मुलायम और रसीली पत्तियों के साथ फूलों (निकलने वाले बौरों) का रस चूसकर नुकसान पहुंचाते हैं। इसके प्रभाव से बौर अस्वस्थ हो जाते हैं और निकलने वाले फल भी सूख कर गिरने लगते हैं, लेकिन ये कीट अधिक ठंड के प्रभाव से स्वयं ही मर जाएंगे।

भुनगा कीट के साथ जाला कीट भी इस समय होते हैं। ये कीट अपनी लार से कई पत्तियों को मिलाकर उस पर घोसला बना लेते हैं और पूरी पत्ती खा जाते हैं। इसके लिए किसानों को केवल क्लोरोपाइरीफास का छिड़काव करना पड़ेगा।
कलीमउल्लाह खान, आम उत्पादक

फसल को इस समय पानी देना है जरूरी

मलिहाबाद के ही दूसरे आम उत्पादक राजेंद्र बताते हैं कि यह जरूरी है कि इस ठंड के मौसम में आम के बागों की सिंचाई की जाए। इस सिंचाई से जमीन का तापमान ठंडा हो जाएगा जिससे बौर देर से निकलेगा। देर से निकलने वाले बौर ठंड के प्रकोप से बच सकेंगे और इसके साथ ही स्वस्थ बौर के साथ फल भी स्वस्थ लगेंगे जिससे उत्पादकों को भी अच्छा मुनाफा मिलेगा।

    

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