भारत की सबसे साफ-सुथरी जगह

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भारत की सबसे साफ-सुथरी जगह

वसंती हरिप्रकाश

वक्त पंख लगाकर चलता है। देखिये, कैसे पढ़ते-पढ़ते हाल ही में गाँव कनेक्शन का 102वां अंक भी निकल गया! आज के डिजिटल युग में यह कोई मामूली बात नहीं है, खासकर जब बड़े-बड़े कॉर्पोरेट घरानों को भी अपने मीडिया कारोबार को संभालने में मुश्किल होती है। बधाई सभी को, सिर्फ इस अखबार के सम्पादक और पत्रकारों को ही नहीं, बल्कि इसे पढऩे वालों को भी, कि हम सब मिलकर अच्छी पत्रकारिता को इस तरह जिंदा रख पा रहे हैं।

 

इस अंक (103वें) में मैंने सोचा ऐसे विषय पर लिखूं जो आजकल हर भारतीय- प्रधानमंत्री से लेकर आम आदमी के मन और मस्तिष्क पर छाया हुआ है। देश भर में इस को लेकर अभियान चल रहा है, और ज़रूर आपके शहर या गाँव में भी शुरू हुआ होगा। मैंने भारत के तीन सबसे साफ-सुथरे और मेरे पसंदीदा स्थानों की लिस्ट तैयार की है जो आपसे शेयर करना चाहती हूं।

 

हरियाणा का कालका रेलवे स्टेशन

जहां से शुरुआत होती है विश्व प्रसिद्द कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे लाईन की। कई साल पहले मैं और मेरे पति शिमला मनाली जा रहे थे। बंगलुरु से दिल्ली तक हवाई जहाज़ में गए, फिर वहां से कालका तक ट्रेन, फिर उसके आगे कार से। मैं तो चौंक गयी थी इतना साफ-सुथरा स्टेशन देखकर। गंदगी का कहीं नामो-निशां नहीं था। गाड़ी के इंतज़ार में बैठे थे, भूख भी लगी थी, सोचा कुछ खा लें। प्लेटफार्म पर एक आदमी पूड़ी और आलू की सब्जी बना रहा था। जब हम उठकर उस ठेले के पास गए, तो मैंने देखा जिस कढ़ाई में वो पूड़ी तल रहा था, वह एकदम साफ चमामच और तलने के लिए रखा तेल एकदम पारदर्शी।

 

तमिलनाडु का प्राचीनतम शहर मदुरै

मदुरै अपने प्राचीन मंदिरों के लिए जाना जाता है, विशेषत: देवी मीनाक्षी का मंदिर। लगभग 2,500 वर्ष पुराना यह स्थान तमिलनाडु राज्य का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र है। इस शहर को कई टाइटल्सभी मिले हैं पूर्व का एथेंस, मल्लिगई मानगर (मोगरे की नगरी) आदि। अगर कभी दक्षिण भारत भ्रमण का प्लान बना, तो मदुरै ज़रूर जाइएगा।

 

अपना काम-धाम निपटाकर, उस विशाल मंदिर होकर, मैं स्टेशन की ओर आई। रास्ते में मुझे कोई खास साफ-सफाई का आभास नहीं हुआ। वही भारतीय शहर का मामूली शोर-गुल और यहां-वहां फैला हुआ कूड़ा-कचरा। पर जैसे ही स्टेशन में कदम रखा लगा कि कोई नयी दुनिया में कदम रख दिया हो!

 

वापस आने के लिए कई घंटों तक मुझे वेटिंग रूम में रहना पड़ा। मेरे ट्रेन के आने तक, तो मैं यूं ही स्टेशन के चक्कर पर निकल पड़ी। पूरा प्लेटफार्म धोकर साफ किया हुआ, और सब चीजें अपनी अपनी जगह पर। मेरे आश्चर्य को देखते हुए, बगल में बैठे सज्जन ने कहा, कि शायद इसी गुड मेंटेनेंसकी वजह से मदुरै को रेलवे पुरस्कार भी मिली है, वाकई!

 

मंगलौर से बेकल

मेरी टॉप-थ्री लिस्ट का आखिरी फेवरेट कोई एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि एक पूरा रूटहै। करीब एक माह पहले की बात है, घरवालों ने सोचा, चलो बहुत काम कर लिए, अब एक छोटा-सा ब्रेक ले लिया जाए, पर दिवाली की छुट्टी थी, और यहां हम लोगों ने कुछ भी बुकिंग नहीं की थी, न होटल न कोई ट्रेन या कार की। ज्यादा दूर की जगह तो नहीं जा सकते थे क्योंकि लम्बे सफर के लिए इतनी जल्दी टिक ट मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है।

 

हमने चुना मंगलौर, मेरे शहर बंगलुरु से सिर्फ 350 किमी. दूर, अरब सागर के किनारे का खूबसूरत शहर। पता नहीं, यह सरकार के स्वच्छता अभियान का असर था या आजकल रेलवे अधिकारी सभी रेलवे स्टेशनों को इतना अच्छा मेन्टेन करने लगे हैं। मैंने लगभग हर स्टेशन को एकदम स्पॉटलेस क्लीन पाया। न सिर्फ मंगलौर तक बल्कि वहां से केरल राज्य की ओर जाने वाली रेल लाइन भी। केरल के कई जगहों पर घूमी हूं, उसकी राजधानी तिरुवंतपुरम, गुरुवायुर, बंदरगाह के लिए मशहूर कोचीन शहर और मुझे वो राज्य अच्छा भी लगता है। क्यों न हो- जहां नज़र पड़े वहां हज़ारों नारियल के पेड़, पाम और मीलों तक समंदर, और छोटे छोटे सुन्दर द्वीप। तभी तो इसे गॉड्स ओन कं ट्रीबुलाते हैं यानी स्वयं ईश्वर का देश! जहां तक मेरा अनुभव है, केरल राज्य सफाई के मामले में भी काफी आगे है, मुझे यकीन है इसका गहरा ताल्लुक उसकी साक्षरता दर से है।

 

इस बार हमें तो जाना था बेकल नाम के एक टाउन, जहां का 400-साल पुराना जि़ला काफी प्रसिद्द है और जब फिल्म निर्माता मणिरत्नम ने अपने एक फिल्म बॉम्बेका तू ही रेनाम का एक गाना यहां शूट किया, तब से यह स्थान और भी फेमस हो गया। सागर-तट पर स्थित यह जि़ला अपने आप में एक अनोखा दृश्य है। पहली नज़र में ही दिल को लुभाने वाला बेकल स्टेशन ने भी ठीक उसी तरह मेरे मन- और मेरे लिस्ट- में अपने लिए जगह बना लिया। वैसे, आपकी टॉप-थ्री लिस्ट में कौन सी जगह होंगी?

 

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