नकारात्मक विचारों का अर्थ हो सकता है तनाव: अध्ययन

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नकारात्मक विचारों का अर्थ हो सकता है तनाव: अध्ययनऑनलाइन परामर्श एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पोर्टल ‘योर दोस्त’ द्वारा संचालित अध्ययन में कहा गया कि नकारात्मक विचार तनाव का एक बड़ा लक्षण है।

नई दिल्ली (भाषा)। क्या आपके दिमाग में लंबे समय से नकारात्मक विचार चले आ रहे हैं? क्या आप अकसर चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं? एक नए अध्ययन का मानना है कि यदि आपमें इनमें से कोई लक्षण दिख रहा है तो आप संभवत: तनाव का शिकार हैं।

ऑनलाइन परामर्श एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पोर्टल ‘योर दोस्त' द्वारा संचालित अध्ययन में कहा गया कि नकारात्मक विचार तनाव का एक बड़ा लक्षण है। इस अध्ययन में इस बात को रेखांकित किया गया है कि तनाव जैसे मनोवैज्ञानिक मुद्दों को अकसर नजरअंदाज किया जाता है। इसके साथ ही यह अध्ययन कहता है कि 50 प्रतिशत मामलों में ‘चिडचिडापन' और ‘नकारात्मक विचार' तनाव की शुरुआत का संकेत हो सकते हैं। ये संकेत खानपान और सोने की अनियमित आदतों के जरिए भी दिख सकते हैं।

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यह अध्ययन कहता है, ‘‘41 प्रतिशत प्रतिभागियों को लगा कि जब वे तनाव में थे तब उनकी खाने और सोने से जुड़ी आदतें बदल गई थीं। 39 प्रतिशत लोगों के स्वभाव में बदलाव आए।'' अध्ययन में यह भी कहा गया कि भारत की 14 प्रतिशत जनसंख्या भारी तनाव वाले क्षेत्र में है और इसके लिए विशेषज्ञों के हस्तक्षेप की जरुरत होती है और इनमें से 58 प्रतिशत लोग किसी परामर्शदाता के पास जाने का रुझान रखते हैं।

इसमें कहा गया, ‘‘तनाव प्रभावित लोगों में से सिर्फ छह प्रतिशत लोगों ने मनोविज्ञानी से बात की थी। शेष 52 प्रतिशत लोगों ने संगीत सुनकर और सोकर खुद को तनाव मुक्त कर लिया।''

   

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