देश के लिए खेलना चाहता हूं : प्रियांक पांचाल  

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देश के लिए खेलना चाहता हूं : प्रियांक पांचाल  रणजी ट्रॉफी के 2016-17 सत्र में गुजरात की ऐतिहासिक खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल।

नई दिल्ली (आईएएनएस)। रणजी ट्रॉफी के 2016-17 सत्र में गुजरात की ऐतिहासिक खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल का कहना है कि एक खिलाड़ी के सामने अपने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना सबसे बड़ी चुनौती होता है और उनका लक्ष्य इसी चुनौती पर खरा उतरना है। उल्लेखनीय है कि गुजरात ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। इस जीत में कप्तान पार्थिव पटेल की भूमिका अहम रही।

प्रियांक ने भारत के लिए खेलने के बारे में कहा, ''मैं देश के लिए हर प्रारूप में खेलना चाहूंगा फिर चाहे वो एकदिवसीय हो, टेस्ट मैच या टी-20। यह एक चुनौती होगी कि मैं अपने देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करूं।'' प्रियांक ने कहा कि एक खिलाड़ी के लिए किसी भी प्रारूप में खेलना सम्मान की बात होगी, लेकिन उस प्रारूप में स्वयं को ढालना उसके लिए एक बड़ी चुनौती होती है।

रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में मैदान में उतरने से पहले टीम के बीच हुई चर्चा के बारे में प्रियांक ने कहा, ''हमने यहीं तय किया था कि हम अब तक इस सत्र में जिस तरह से खेलते आए थे, वैसा ही खेलेंगे। पार्थिव ने हमें कहा था कि हम सही रास्ते पर हैं अपना स्वाभाविक खेल खलेंगे और मौजूदा प्रदर्शन जारी रखेंगे।'' प्रियांक ने इस बार रणजी ट्रॉफी के सत्र में 1120 रन बनाए हैं, जो वीवीएस लक्ष्मण द्वारा इस टूर्नामेंट के एक सत्र में बनाए गए रिकॉर्ड 1415 के बिल्कुल करीब था। इस रिकॉर्ड की बराबरी के बारे में प्रियांक ने कहा, ''मैंने इस बारे में नहीं सोचा था।''

प्रियांक ने कहा, ''मैंने केवल यह लक्ष्य रखा था कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा। बल्लेबाजी हो या फील्डिंग, मैंने अपने खेल के स्तर को और ऊंचा और इसमें सुधार करने के बारे में ही सोचा है।'' अब तक खेले गए रणजी सत्र में सबसे शानदार सत्र के बारे में प्रियांक ने कहा कि यह सत्र उनके लिए सबसे शानदार रहा। प्रियांक ने कहा, ''इस बार मैंने अच्छा प्रदर्शन दिया और अच्छी फार्म में भी था। मैंने दोहरा और तिहरा शतक भी जड़ा।'' रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में पंजाब के खिलाफ प्रियांक ने 314 रन बनाते हुए अपना तिहरा शतक पूरा किया था। वह इस सीजन में पांच शतक और चार अर्धशतक लगा चुके हैं।

रणजी ट्रॉफी में ऐतिहासिक जीत के बाद जीवन में आए बदलाव के बारे में प्रियांक ने कहा, ''ऐसा कुछ खास बदलाव नहीं आया है। यह सिर्फ मानसिकता की बात होती है। लोग आपको देखने लगते हैं, बस यहीं एक बदलाव होता है। इसके अलावा, क्रिकेट वहीं होता है, वहीं प्रशिक्षण होता है। यह केवल जीवन को देखने का एक नजरिया है।''

प्रियांक हर मैच के बाद अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं। रणजी ट्रॉफी के इस सत्र में स्वयं के प्रदर्शन के बारे में गुजरात के बल्लेबाज ने कहा, ''मैं अपने हर प्रदर्शन को देखने के बाद विचार करता हूं कि मैंने क्या अलग किया है? मैं अपने आप से यहीं सवाल करता हूं कि किसी मैच के दौरान मैंने उस महत्वपूर्ण पल में क्या किया और किस तरह मैं अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकता हूं?''

प्रियांक ने कहा, ''मैं देखता हूं कि मैच के दौरान किसी भी स्थिति में फिर चाहे वो बल्लेबाजी हो, फील्डिंग हो या गेंदबाजी में मैंने कैसा प्रदर्शन किया है और उसमें की गई गलतियों को ध्यान में रखकर सुधार करने की कोशिश करता हूं।''

अपने प्रेरणास्रोत के बारे में प्रियांक ने कहा, ''राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर मेरे प्रेरणास्रोत हैं। मैंने उनके खेल को देखकर बड़ा हुआ हूं। इन खिलाड़ियों की यहीं एक खासियत है कि यह लीग से हटकर सोचते हैं और मेरी यहीं कोशिश रहती है कि मैं किस तरह अलग हटकर सोच सकता हूं या क्या अलग कर सकता हू?''

    

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