सात साल में 70 लाख खर्च, फिर भी छात्रावास अधूरा

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सात साल में 70 लाख खर्च, फिर भी छात्रावास अधूरावर्ष 2010 में महिला छात्रावास स्वीकृत हुआ था।

हरी नारायण शुक्ला

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोंडा। कहते हैं कि चौदह साल में घूर के दिन बदल जाते हैं, लेकिन सरकारी मशीनरी के लिए यह बदलाव मायने रखते हैं। तभी तो मंडल मुख्यालय स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक का महिला छात्रावास सात साल में बनकर तैयार नहीं हो पाया। नतीजा निर्माण का बजट तय रकम से 57 लाख बढ़ गया और अब यह रकम मिलने पर ही कार्यदायी संस्था शुरू करने की बात कह रही है।

देवीपाटन मंडल में तकनीकी शिक्षा के लिए मुख्यालय से सटा उतरौला रोड पर राजकीय पॉलीटेक्निक स्थित है, जहां पर करीब दो हजार छात्र -छात्राएं पढ़ते हैं। करीब 200 छात्राएं यहां पढ़ रही हैं, जिनके लिए यहां पर वर्ष 2010 में महिला छात्रावास स्वीकृत हुआ। इसकी जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था यूपी समाज कल्याण निर्माण निगम को दी गई।

संस्था को पहली किस्त 25 लाख, दूसरी किस्त 25 लाख और तीसरी किस्त 20 लाख रूपये दिये गये। इस छात्रावास की निर्माण लागत 92 लाख 79 हजार रखी गई और 70 लाख निर्माण पर खर्च हो गया, लेकिन आज भी छात्रावास का भवन अधूरा पड़ा है। भवन के दरवाजे, खिड़की नहीं लगे है।

क्या कहती हैं छात्राएं

कॉलेज में छात्रावास न पूरा होने से बाहर जिलों से यहां पढ़ने आईं कुछ छात्राएं शहर के महराजगंज मोहल्ले में रह रही हैं। इसका संचालन अधिवक्ता गोमती शरन प्रेमी कर रहे हैं। यहां पर गार्ड की व्यवस्था है। गोरखपुर से आई छात्रा जैनब खातून का कहना है कि बाहर से तकनीकी शिक्षा पाने के यहां आये हैं, लेकिन कॉलेज में छात्रावास न होने से दिक्कतें आ रही थी, बाद में सहेली प्राइवेट छात्रावास में जगह मिल गई। वहीं, गोरखपुर से रजनी चौहान का कहना है कि विडम्बना है कि सात साल से छात्रावास नहीं बन पाया।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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