चौपाल में महिलाओं ने सीखीं कानून की बारीकियां 

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चौपाल में महिलाओं ने सीखीं कानून की बारीकियां महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सिस्टर फॉर चेंज संस्था ने शुक्रवार को गाँव कनेक्शन की ओर से गाँव पढ़ीन दरवाजा में चौपाल लगाई।

इश्त्याक खान , स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

औरैया। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सिस्टर फॉर चेंज संस्था ने शुक्रवार को गाँव कनेक्शन की ओर से गाँव पढ़ीन दरवाजा में चौपाल लगाई। चौपाल में महिलाओं को कानून के बारे में कई अहम जानकारियां दी गईं। इसके अलावा उन्हें कई हेल्पलाइन नंबर्स के बारे में भी बताया गया, जिन्हें वे जरूरत पड़ने पर उपयोग कर सकती हैं।

शहर से 6 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम दिशा में फफूंद मार्ग पर स्थित गाँव पढीन दरवाजा में शुक्रवार को गाँव कनेक्शन की चौपाल में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सिस्टर फॉर चेंज संस्था ने कानून की जानकारी दी। इस दौरान संस्था की कोआर्डिनेटर रुचि सिंह ने महिलाओं को बताया कि छोटे बच्चों के साथ किए जाने वाले दुराचार पर सख्त रहें। सबसे पहले परिवार के लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि छोटी बच्चियों को नहलाने, धुलाने के बाद बाहर न घूमने जाने दें। अगर घर से बाहर जाए तो परिवार का कोई सदस्य साथ हो। छोटी मासूम बच्चियां सुंदर होने के कारण दरिंदो के हवस का शिकार हो जाती हैं। अगर कोई ऐसी घटना घटती है तो सबसे पहले 1090 और 100 नंबर जानकारी दें।

उन्होंने आगे कहा कि जिन मामलों में न्याय नहीं मिल पा रहा है, उन मामलों के न्याय के लिए संस्था पैरवी करेगी। जहां बाल श्रमिक काम कर रहे हों, वहां महिला समाख्या की महिलाएं एक होकर रोक सकती हैं। वहीं, सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही कई हेल्पलाइन के बारे में भी महिलाओं को जानकारी दी गई। इस अवसर पर राजेश्वरी देवी, बुद्धवती, मारगश्री, सावित्री, प्रेमजी, सुधा, मालती, सूरजवती, फूलन, मनोज कुमारी, राम कांती, सुमन लता, लक्ष्मी देवी मौजूद रहीं।

समूह बनाकर शिकायत करने थाने जाएं महिलाएं

संस्था की कोआर्डिनेटर रुचि सिंह ने महिलाओं को बताया कि पीड़ित के साथ महिलाएं मिलकर पुलिस में शिकायत कर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराएं। पुलिस एक या दो महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार कर सकती है, लेकिन जब महिलाओं का समूह होगा तो अभद्र व्यवहार करने की हिमाकत भी नहीं होगी। महिलाएं एक होकर गाँव में होने वाली घटनाओं पर पाबंदी लगा सकती हैं। उन्होंने कहा कि बिना डरे, बिना सहमे महिलाएं अपनी आवाज एक होकर बुलंद कर सकती हैं, जिन्हें उसका लाभ मिलेगा।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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