अवशेषों को खेतों में जलाने को लेकर सख्त हुआ शासन, डीडी कृषि ने दी जानकारी

Ajay MishraAjay Mishra   23 March 2017 4:47 PM GMT

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अवशेषों को खेतों में जलाने को लेकर सख्त हुआ शासन, डीडी कृषि ने दी जानकारीमंचासीन डीडी कृषि, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य विभाग, डीएओ, उद्यान वैज्ञानिक और पीडी आत्मा परियोजना।  

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कन्नौज।‘‘जो यंत्र फसलों को जड़ से नहीं काटते हैं, उन पर रोक लगा दी गई है। अब ऐसे उपकरण आ रहे हैं जिनके प्रयोग से फसलों की कटाई के बाद अवशेष नहीं रहेंगे। राजस्व विभाग के लेखपाल आदि को भी जिलास्तर से जानकारी दे दी गई है कि खेतों में किसान फसलों के अवषेश न जलाएं।‘‘ यह बात डीडी कृषि डॉ. राजेश कुमार ने विराट किसान मेला के दूसरे दिन कही।

कन्नौज शहर के बोडिंग ग्राउंड पर चल रहे किसान मेले में डीडी कृषि ने कहा किसान फसलों की कटाई हंसिया से करते हैं, इसलिए फसलों की जड़े खेतों में रह जाती हैं। बाद में किसान उनमें आग लगा देते हैं। इससे मिट्टी में जीवित वैक्टीरिया जो फसलों के लिए लाभदायी होते हैं, मर जाते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि जिले में एक करोड़ कुंतल से अधिक आलू कोल्ड स्टोरेज में भंडारण किया जा चुका है। आगे भी भंडारण बढ़ने की संभावना इसलिए है कि अभी किसान का आलू काफी रखा है। डीडी कृषि ने बताया कि फसल बीमा का लाभ एक क्षेत्र में 20 हेक्टेयर से अधिक फसल होने पर दिया जाता है। जायद की फसलों में बीमा का लाभ पूरे देष में ही नहीं मिलता है।

बीएसए कृषि अशोक कुमार ने कहा कि ‘‘फसलों में पेस्टीसाइड का प्रयोग न करें। इससे मनुश्य के अंदर गंभीर बीमारियां होती हैं।‘‘

बिना पंजीकरण नहीं मिलेगा कोई लाभ

डीएओ नीरज रान ने कहा कि ‘‘किसान पंजीकरण जरूर कराएं। पंजीकरण कृशि बीज भंडार पर निषुल्क होते हैं। बिना पंजीकरण के कोई लाभ सरकार या कृशि विभाग से नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि बीज का अनुदान किसानों के खातों में जाता है। खाद का अनुदान भी खाते में जाएगा। इसके लिए पंजीकरण जरूर कराएं।‘‘

तीन दिवसीय मेले में दूर-दूर से आए किसानों ने सुनीं विशेषज्ञों की बातें।

उन्होंने आगे कहा कि किसान जायद की मक्का के बजाय खरीफ की मक्का करें। यह बरसात में होती है। जायद मक्का में 10-12 पानी लगते हैं, जिससे जलस्तर नीचे जा रहा है। आगे आने वाली पीढ़ी के लिए यह बात खतरनाक साबित होगी।

ढैंचा का बीज भी तैयार करें कृषक

‘‘किसान ढैंचा तो विभाग से ले जाते हैं। हरी खाद के रूप में जैविक खाद भी बनती है। उसे किसान खेतों में पलट भी देते हैं। इसलिए अधिक से अधिक किसान बीज तैयार करें।‘‘ डीएओ नीरज रान ने यह बात कही। दूसरी ओर मत्स्य विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीसी यादव ने भी किसानों को मछली पालन के बारे में बताया।

सम्मान पाने के लिए 10 रूपये में पंजीकरण

हर साल 23 दिसम्बर को भूतपूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह की जयंती पर बेहतर उत्पादन करने वाले किसानों का सम्मानित किया जाता है। आत्मा परियोजना के पीडी जेपी भारती ने बताया कि ‘‘उनके कृशि भवन कार्यालय में किसान 10 रूपये देकर पंजीकरण करा सकते हैं। गेहूं की क्राप कटिंग में ऐसे किसानों को षामिल किया जाएगा। जिनका उत्पादन अच्छा होगा, उन्हें सम्मान मिलेगा।‘‘

    

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