स्वयं फेस्टिवल: पुलिस और जनता के बीच की दूरी को खत्म करने की कोशिश कर रही यूपी पुलिसः डीजीपी

Vineet BajpaiVineet Bajpai   2 Dec 2016 8:52 PM GMT

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स्वयं फेस्टिवल: पुलिस और जनता के बीच की दूरी को खत्म करने की कोशिश कर रही यूपी पुलिसः डीजीपीयूपी के डीजीपी जावीद अहमद ने दीप प्रज्वलित करके की स्वयं फेस्टिवल की शुरुआत।

लखनऊ। स्वयं फेस्टिवल में उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद ने यूपी पुलिस द्वारा चलाई जा रही 1090, डायल 100 और दूसरी योजनाओं के बारें में लोगों को बताया और साथ ही उन्होंने कहा कि हम पुलिस और जनता के बीच में जो दूरी है उसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हम लोगों की बेहतर तरीके से मदद कर सकें।

लखनऊ से करीब 40 किमी. दूर भारतीय ग्रामीण विद्यालय कुनौरा लखनऊ इंटर कॉलेज में आयोजित स्वयं फेस्टिवल की शुरुआत डीजीपी जावीद अहमद ने दीप प्रज्वलित करके की। कार्यक्रम में करीब 1000 लोगों ने हिस्सा लिया।

गाँव कनेक्शन की चौथी वर्षगाठ पर उत्तर प्रदेश के 25 ज़िलों में स्वयं फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इन जिलों में 02 दिसम्बर से 08 दिसम्बर तक कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसमें लोगों को यूपी पुलिस, सेहत और खेती किसानी के साथ-साथ दूसरी कई चीजों के बारे में जानकारी दी जा रही है।

गाँव कनेक्शन अख़बार के फाउंडर नीलेश मिसरा ने कार्यक्रम के दौरान स्वयं फेस्टिवल के बारे में बताते हुए कहा, ''ग्रामीणों और पुलिस के बीच में एक खाईं है, जिस वजह से लोगों की समस्याएं उनकी शिकायते पुलिस तक पहुंचने में परेशानी होती है। उनके बीच में कनेक्शन नहीं हो पाता है। स्वयं फेस्टिवल और गाँव कनेक्शन पुलिस और ग्रामीणों के बीच कनेक्शन स्थापित करने की कोशिश करेगा।''

इस मौके पर डीजीपी जावीद अहमद ने कहा, ''हमेशा से ही पुलिस का नाम बच्चों को डराने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, जब भी कोई बच्चा अपनी मां की बात नहीं मानता है या कोई जिद करता है तो उसे डराने के लिए उससे कहा जता है कि चुप हो जाओ नहीं तो अभी पुलिस आ जाएगी।'' उन्होंने कहा, ''हम नहीं चाहते कि पुलिस को बच्चों को डराने का स्वरूप माना जाए। पुलिस चाहती है कि पुलिस और ग्रामीणों के बीच के डर को समाप्त किया जाए। पुलिस और ग्रामीणों के बीच के डर को खत्म करने के लिए पुलिस वालों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना पड़ेगा। जो नए लड़के पुलिस में भर्ती हुए हैं उनको इस बारे में समझाया जा रहा है।''

उन्होंने लोगों से ट्रैफिक रूल्स के बारे में बात करते हुए कहा, ''आज कल मोटर साइकल का रिवाज काफी बढ़ गाय है, लेकिन काफी लोग हेलमेट लगाकर नहीं चलते हैं। लेकिन जब एक्सीडेंट होता है तो ज़्यादातर चोट सर में ही आती है। जितने भी एक्सीडेन्ट के मामले होते हैं उनमें से 70 से 80 फीसदी लोगों के सर में चोट आती है।''

जावीद अहमद ने 1090 योजना के बारे में लोगों को बताते हुए कहा कि लड़कियों की शुरक्षा के लिए 1090 योजना की शुरुआत की गई, अगर कोई लड़की 1090 पर फोन करके शिकायत करती है तो तुरन्त उसपर एक्शन लिया जाता है।'' उन्होंने कहा कि अभी तक यूपी में 1090 के माध्यम से करीब 6 लाख शिकायतें दर्ज काराई गई हैं, जिसमें 5 लाख 90 हज़ार शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।'' डीजीपी ने स्टेज से उतरने के बाद गाँव के बच्चों और लोगों के साथ सेल्फी ली।

उन्होंने जब कार्यक्रम में आई हुई लड़कियों से 1090 के बारे में पूछा तो छमा शर्मा (19 वर्ष) ने डीजीपी को बताया, ''मेरे पास एक नम्बर से बहुत कॉल आती थी, जिससे मैं बहुत ज़्यादा परेशान हो गई थी, फिर मैने 1090 में कॉल करके शिकायत की थी, उसके बाद से कॉल आनी बन्द हो गई।''

यूपी के डीजीपी जावीद अहमद का गाँव कनेक्शन

डीजीपी जावीद अहमद ने अपने गाँव को याद करते हुए बताया, ''मैं पिछले 40 वर्षों से अपने गाँव नहीं गया हूं, लेकिन यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद इससे मुझे ये प्रेरणा मिली है कि अब मैं कोशिश करुंगा कि मैं अपने गाँव जाऊं।'' जावीद अहमद बिहार के पटना जिले से करीब 75 मील दूर कुंडा गाँव के रहने वाले हैं।

भारतीय ग्रामाण विद्यालय इंटर कॉलेज के प्रबंधक और गाँव कनेक्शन के प्रधान सम्पादक डॉ. शिवबालक मिश्रा ने के कार्यक्रम के दौरान एक किस्सा साझा करते हुए कहा, ''एक बार मैं स्कूल में बैठा था तो घुंघतेर थाने के एसओ मुझसे मिलने आए तो उन्होंने मुझसे कहा कि आपने ये स्कूल यहां खोला है अगर यहां के बजाए कहीं शहर या कनाडा में खोला होता तो ज्यादा सही रहता, इस पर मैने उनसे कहा कि मैने यहां स्कूल इस लिए खोला है ताकि पाढ़ाई के लिए मेरी तरह यहां के दूसरे बच्चों को 10 किमी पैदल चलकर न जाना पड़े। मैने स्कूल इस लिए खोला है ताकी यहां के बच्चों को फायदा हो, इस लिए नहीं कि मुझे फायदा।''

गाँवों में मोबाइल कैम्प लागाकर किया जाएगा पशुओं का इलाज

कार्यक्रम के दोरान कृषि उपजिलानिदेशक टीएल यादव लोगों को जानकारी देते हुए कहा, ''अगले महीने से हम मोबाइल कैम्प के लिए सुविधाए देने जा रहै हैं। पशु चिकित्सक महीने में 20 गाँवों में कैम्प करेंगे, जो जानवरों का इलाज करेंगे।'' साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि यहां पर लड़कों और आदमियों से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां आई हैं।

बच्चों की भी रही सहभागिता

भारतीय ग्रामीण विद्यालय के स्कूली छात्रों ने भी मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। बच्चों ने कुल 23 विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। कार्यक्रमों में प्रतियोगिताऐं भी शामिल रहीं। इनमें रंगोली प्रतियोगिता की सर्वश्रेष्ठ रंगोली को डीजीपी द्वारा सराहा गया और निजेता को पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में गोद लिए गए दो गाँव

इस कार्यक्रम के एनजीओ पार्टनर केएचईएल (किड्स हॉलिस्टिक एजूकेशन एण्ड लाइफस्किल) और ब्रेकथ्रू की टीम ने भी मंच पर अपनी सहभागिता दी। इस दौरान इन दोनों एनजीओ ने दो गांवों को गोद लिया। ब्रेकथ्रू ने दो ग्रामपंचायतों, कुनौरा और करुआ को गोद लिया। इसके साथ ही खुले में शौच के खिलाफ वात्सल्य संस्था ने ओडीएफ को गोद लिया है।

   

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