#स्वयं फेस्टिवल : धान-गेहूं जीजा-फूफा इन्हें छोड़कर सब्जियों जैसी फसलें उगाएं किसान: कृषि उप निदेशक
Arvind Shukkla 3 Dec 2016 11:05 PM GMT
वीरेंद्र शुक्ला, कम्यूनिटी जर्नलिस्ट
लहरा (बाराबंकी) “धान-गेहूं जीजा और फूफा जैसे हैं, जो लगातार सेवा के बावजूद ऐंठे रहते हैं, लेकिन सब्जियां और दूसरी नगदी फसलें साले-मामा जैसी हैं, जो कम आदर मिलने पर भी खुश रहती हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि वो साले-मामा वाली फसलें उगाएं, जिसमें लागत कम मुनाफा ज्यादा है।” ये बातें उपकृषि निदेशक, बाराबंकी डॉ. एसपी सिंह ने गांव कनेक्शन चौपाल में कहीं।
लखनऊ से करीब 75 किलोमीटर उत्तर दिशा में बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लॉक के टांडपुर गांव में स्वयं फेस्विटल के दौरान गांव कनेक्शऩ चौपाल का आयोजन किया गया। समारोह के दौरान पांच गांवों में कृषि विभाग की तरफ से मृदा स्वास्थ्य की जांच की गई। चंबल फर्टीलाइजर की मोबाइल वैन के माध्यम से मिट्टी के जांच के बाद मौके पर ही 12 लोगों को कृषि उपनिदेशक डॉ. एसपी सिंह ने अपने हांथों ने न सिर्फ कार्ड दिए बल्कि उन्हें इसके फायदे भी समझाएं। समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि बाराबंकी जिले का ये इलाका बिल्कुल वैसा ही है जैसे कि दुनिया के नक्शे पर श्रीलंका, इतना किनारे और जिला मुख्यालय से दूर है कि अधिकारी गांवों का दौरा करने से कतराते हैं, जिसके चलते गांवों में जनउपयोगी योजनाएं नहीं पहुंच पाती। मैं गांव कनेक्शन फाउंडेशन को शुक्रिया कहता हूं, जिन्होंने ऐसे सुदूर इलाके में किसान चौपाल आयोजित की।
किसानों को खेती संबंधी अतिरिक्त जानकारी से कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने अवगत कराया। चम्बल लैब के कृषि वैज्ञानिक राजाराम रॉय ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति देकर किसानों का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर मुस्कान ज्योति संस्था के संचालक मेवालाल ने भी किसानों से खेती के गुणों को साझा किया। उनहोंने बताया कि किस तरह बेकार कचड़ा किसानों के लिए कितने काम की चीज है। कचर से किसान फसलों में लगने वाली खाद बना सकते हैं। ऐसा खाद जिसमें कोई लागत नहीं है और आसानी से बनाई जा सकती है। किसान कचरे से भी प्राकृतिक खाद तैयार कर सकते हैं। इस तरह उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के कचरे को इधर उधर फेंकने की जगह उसका सही उपयोग किया जा सकता है। इस तरह वातावरण भी साफ सुथरा रहेगा।
जिला कृषि उपनिदेशक एसपी सिंह की ओर से किसानों को खेती के उपयुक्त उर्वरक और मिट्टी की जानकारी दी गई। इसके साथ ही क्षेत्र की मिट्टी की जांच भी विभाग द्वारा कराई गई। जिसके आधार पर किसानों को विशेषज्ञ द्वारा उचित राय दी गई जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही किसानों को मिट्टी संबंधी प्रशिक्षण दिया गया और मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण भी किया गया। इस अवसर पर रामनगर के उप सम्भागीय कृषि अधिकारी उमेश कुमार भी उपस्थित रहे।
किसानों ने कराया आधार कार्ड का पंजीकरण
कार्यक्रम के दौरान किसानों को आधार कार्ड संबंधित सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। जिन किसानों के पास आधार कार्ड नहीम था उनका पंजीकरण करवाया गया। लगभग 30 किसानों ने कार्ड के लिए पंजीकरण किया। इसके साथ ही किसानों के पास पहले से ही उपलब्ध आधार कार्डों में सुधारकार्य करवाया गया। लगभग 20 लोगों ने सुधारकार्य करवाया।
किसान भाइयों अगर आप को सरकारी की सब्सिडी चाहिए तो आप को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ताकि आप को खाद-बीज आदि पर सब्सिडी मिल सके।” समारोह के दौरान जागरुक किसान रामसांवले शुक्ला ने कृषि अधिकारी को पुष्प गुच्छ और साल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। साथ ही उपसंभागीय अधिकारी और वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक राय का भी रामसागर शुक्ला और संतोष सिंह समेत कई किसानों ने स्वागत किया। चौपाल के दौरान करीब 100 से ज्यादा पशुओं को सर्दियों में मुख्यता से होनी वाली पोकनी रोग का उपचार किया। साथ ही कार्वी के सौजन्य से 50 लोगों को मुफ्त में आधार कार्ड भी बने।
समारोह के दौरान छेदा चौकी के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर पंडित तिवारी ने किसानों और कई स्कूलों की सैकड़ों छात्र-छात्राओं को पुलिस की नई तकनीकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस की नौकरी बहुत कठिन है, इसीलिए लोगों से लोगों को अक्सर शिकायतें रहती हैं, लेकिन एक बार आप पुलिस की कार्यप्रणाली समझ लेंगे तो शिकायतें दूर हो जाएंगी। उन्होंने लोगों को अपना नंबर देते हुए कहा कि वो डॉयल-100 के साथ उनका भी नंबर अपने मोबाइल में फीड कर लें लेकिन किसी नंबर का मिसयूज न करें। इस पहल लोगों ने तालिया बजाकर उनका स्वागत किया। बाराबंकी कोतवाली में तैनात सब इंसपेक्टर आशु शुक्ला ने 1090 और महिला सम्मान प्रकोष्ठ के बारे में जानकारी दी।
इस दौरान उन्होंने शारदा विद्या मंदिर, परेश्वर इंटर कॉलेज और प्रेमा देवी स्कूल की 5-5 छात्राओं वूमेन पावर लाइऩ 1090 के तहत पावर एंजेल बनाने के लिए फार्म भी वितरित किए। ये पावर एंजिल 1090 से जुड़कर अपने आसपास हो रहे किसी तरह के शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाएंगी। समारोह में मुस्कान ज्योति संस्था के सचिव मेवालाल ने लोगों को कचरे से खाद बनाने की तकनीकि बताई। मौके पर मौजूद ड्रम तकनीकि का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि इस विधि से लोग मात्र 15 पैसे प्रति किलो में उपजाउ जैविक खाद बना सकते हैं। कार्यक्रम का संयोजन गांव कनेक्शन फाउंडेशन के वीरेंद्र शुक्ला और वीरेंद्र सिंह ने किया। जबकि संचालन पत्रकार और लेखक अरविंद शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम में आसरास के दो दर्जन गावों के किसान, भगौली तीर्थ के केला उत्पादत किसान हरीश वर्मा, किसान नेता सुरमैल सिंह गांधी, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता वियोगी जी, तुरकौली ग्राम पंचायत के प्रधान प्रतनिधि संतोष सिंह, औषधीय पौधे की खेती करने वाले किसान राम सांवले शुक्ला, अभयराज सिंह, कल्लू सिंह, एडीओ पंचायत विनोद वर्मा समेत सैक़़ड़ों किसान, कई स्कूलों के बच्चे शामिल हुए।
This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).
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