प्रदेश का पहला स्मार्ट स्कूल बनने की राह पर गोंडा का प्राथमिक विद्यालय

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प्रदेश का पहला स्मार्ट स्कूल बनने की राह पर गोंडा का प्राथमिक विद्यालयप्राथमिक विद्यालय धौरहरा में भोजन प्रबंध का जायजा लेते डीएम आशुतोष निरंजन।

हरीनारायण शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

गोण्डा। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित जनपद का एक मात्र मंडल स्कूल प्राथमिक विद्यालय धौरहरा जल्द ही प्रदेश का पहला स्मार्ट स्कूल बनेगा। डीएम आशुतोष निरंजन ने बुधवार को विद्यालय का निरीक्षण कर स्मार्ट स्कूल घोषित कराने के लिए शासन को पत्र लिखने की बात कही है।

तहसील करनैलगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय धौरहरा के प्रधानाध्यापक रवि प्रताप सिंह की मेहनत और लगन की बदौलत स्कूल का चयन जिले के आदर्श विद्यालय के रूप में किया गया है। एक ओर जहां प्राथमिक विद्यालय धौरहरा को इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की सभी सुविधाओं के साथ-साथ शिक्षण हेतु कम्प्यूटर, इंटरनेट, प्रोजेक्टर, व्हाइट बोर्ड, लाइब्रेरी, इन्वर्टर, लाईट, सीसीटीवी कैमरे, बच्चों के लिए आई-कार्ड सहित अन्य सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया चुका है, वहीं इस विद्यालय को प्रदेश ही नहीं, बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल चुकी है।

डीएम आशुतोष निरंजन ने विद्यालय का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्था देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां अब मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बीएसए एवं डीपीआरओ को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द विद्यालय में बाउन्ड्रीवाल का निर्माण कार्य कराना सुनिश्चित करें और ग्राम प्रधान को निर्देशित किया कि वे जल्दी से जल्दी जमीन उलब्ध करा दें, जिससे आंगनबाड़ी केन्द्र भी बनवाया जा सके। प्रधानाध्यापक रवि प्रताप सिंह ने बताया कि विद्यालय में कुल बच्चों की संख्या 215 है, जिसमें 155 बच्चों को उन्होंने कम्प्यूटर की शिक्षा देकर कम्प्यूटर के बेसिक शिक्षा में पारंगत कर दिया है।

इसके अलावा डीएम ने बीएसए को निर्देश दिए कि वे जिले के हुनरमंद और एक्टिव शिक्षकों का चयन कर वहां के खण्ड शिक्षाधिकारियों के साथ धौरहरा विद्यालय भेजें और यह सुनिश्चित करें कि वे सभी टीचर इस विद्यालय से सीख लेकर जाएं और अपने-अपने विद्यालयों को भी धौरहरा की भांति ही मॉडल स्कूल की तरह बनाएं। जिससे प्रदेश में एक मिसाल कायम हो और जिले के कई विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा सके। निरीक्षण के दौरान डीएम ने अपने हाथों से बच्चों को मध्यान्ह भोजन भी खिलाया और स्वयं भी तहरी खाकर भोजन की गुणवत्ता परखी।

अब तक यह मिली उपलब्धियां

प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के शैक्षिक कलेण्डर में विद्यालय की गतिविधियों को शामिल करने के अलावा राष्ट्रीय डॉल्फिन मेला एवं कैम्प में हुई प्रतियोगिताओं में इस विद्यालय के छात्रों ने दूसरा स्थान हासिल कर जिले एवं प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। इतना ही नहीं, विश्व गौरैया संरक्षण सूची में भी इस विद्यालय का नाम शामिल हुआ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साफ-सफाई को देखते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। वहीं, विश्व जैव विविधता दिवस के अवसर पर आयोजित ग्रीन वेव कार्यक्रम में सम्मिलित होने पर इस विद्यालय को गूगल मैप पर भी स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही पर्यावरण शिक्षा क्षेत्र में सराहनीय कार्य हेतु पर्यावरण शिक्षण केन्द्र, जल संसाधन पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा विद्यालय को प्रशस्ति पत्र दिया गया है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

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