दुधारु पशुओं में बांझपन बन रही बड़ी समस्या

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
दुधारु पशुओं में बांझपन बन रही बड़ी समस्याgaonconnection

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

लखनऊ। जानकारी के अभाव में रतन सिंह (33 वर्ष) ने अपनी भैंस को संतुलित आहार नहीं खिलाया, जिससे उनकी भैंस का प्रजनन चक्र बिगड़ गया और वो दुबारा गाभिन नहीं हो पाई। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

दुधारु पशुओं में बांझपन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। शाहजहांपुर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के पशुधन वैज्ञानिक डॉ. टीबी यादव बताते हैं, “दुधारु पशुओं में पोषक तत्व (जिंक, कॉपर, कॉमनसोल्ट) की सबसे ज्यादा जरूरत होती है जो मिनिरल मिक्सचर पूरी करता है लेकिन ज्यादातर पशुपालक इस पर ध्यान नहीं देते हैं। महीने में दस से ज्यादा पशुपालक यह समस्या लेकर केंद्र में आते है।”

“बच्चा देने के बाद 120 दिन बाद पशु को दुबारा हीट में आना होता है पर पशुपालकों के पास कोई लिखित ब्यौरा न होने के कारण समय निकल जाता है।”
डॉ. टीबी यादव, पशुधन वैज्ञानिक

संतुलित आहार


गाय (10 लीटर दूध देने वाली ), भैंस (10 लीटर दूध देने वाली ) के ये है संतुलित आहार

दाना

गाय- पशुपालक को पूरे दिन में लगभग 4 किलोग्राम दाना

भैंस- लगभग 3.5 किलोग्राम दाना

भूसा

गाय को गेंहू का भूसा लगभग 3 किलो

भैंस को पूरे दिन में लगभग 4 किलो भूसा

हरा चारा

गाय को पूरे दिन में लगभग 15-20 किलो हरा चारा

भैंस को दिन में लगभग 20-25 किलो हरा चारा


सौ किलो संतुलित दाना बनाने की विधि

  • दाना (मक्का, जौ, गेंहू, बाजरा) इसकी मात्रा लगभग 35 प्रतिशत होनी चाहिए। चाहें बताए गए दाने मिलाकर 35 प्रतिशत हो या अकेला कोई एक ही प्रकार का दाना हो तो भी खुराक का 35 प्रतिशत दे।
  • खली(सरसों की खल, मूंगफली की खल, बिनौला की खल, अलसी की खल) की मात्रा लगभग 32 किलो होनी चाहिए। इनमें से कोई एक खली को दाने में मिला सकते है।
  • चोकर(गेंहू का चोकर, चना की चूरी, दालों की चूरी, राइस ब्रेन,) की मात्रा लगभग 35 किलो।
  • खनिज लवण की मात्रा लगभग 2 किलो
  • नमक लगभग 1 किलो

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.