ठंड से ठिठुरते देखा तो छेड़ दी कपड़े दान करने की मुहिम

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ठंड से ठिठुरते देखा तो छेड़ दी कपड़े दान करने की मुहिमतिर्वा के वैभव तिवारी की टीम ने जरूरतमंदों को देने के लिए घर-घर से इकठ्ठा किए पुराने कपड़े।

अजय मिश्र (स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क)

कन्नौज। रेलवे स्टेशन पर एक गरीब को सर्दी में ठिठुरते देखा तो उनसे रहा न गया। अपना स्वेटर उतार कर दे दिया। इसके बाद मजदूरों, गरीबों और बेसहारा लोगों को पुराने कपड़े दान करने की छेड़ दी मुहिम। काम अच्छा था, तो कई लोगों ने अपने यहां से पुराने कपड़े देकर सहयोग भी किया। 10 युवाओं की टीम भी साथ खड़ी हो गई।

हम बात कर रहे हैं तिर्वा कस्बे के मोहल्ला अन्नपूर्णानगर निवासी वैभव तिवारी उर्फ छोटू की। जो अब तक कस्बे के अलावा कन्नौज, उमर्दा, डम्मरपुर गांव के अलावा, निर्माणाधीन किसान बाजार और पैरामेडिकल कॉलेज में लेबरों को करीब एक हजार पुराने कपड़े बांट चुके हैं। वैभव का कहना है कि बीते महीने वह जरूरी काम से बाहर जा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कन्नौज रेलवे स्टेशन पर एक गरीब को सर्दी में ठिठुरते देखा। वह बदन पर गर्म कपड़े नहीं पहने था। यह देखकर वैभव ने अपना स्वेटर दे दिया।

साथ ही गरीबों की मदद करने के लिए भी मन में ठान लिया। वह कानपुर गए और दो गठरी पुराने खरीद कर ले आए। उन्होंने कई जगह बांटे। कपड़े कम थे और लोगों की संख्या अधिक। इसके लिए उन्होंने कस्बे से लोगों के घरों से पुराने कपड़े सहयोग के रूप में लेने का सिलसिला शुरू किया। उन्होंने अपनी टीम भी बनाई। टीम ने भी अपने-अपने घरों और शुभचिंतकों से पुराने कपड़े लेकर गरीबों में बांटे। कभी-कभी गरीबों को भोजन का भी वितरण किया।

इनको भी चढ़ा जुनून

इससे इतर कन्नौज शहर के निवासी अनुज गुप्त भी गरीबों और बेसहारा लोगों को सर्दियों से बचने के लिए गर्म कपड़े बांट रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह नए और पुराने सभी तरह के कपड़े बांट चुके हैं।

इन्होंने दिए पुराने कपड़े

अब तक राजीव गुप्ता, राजीव कनौजिया, रवी कुमार, पंकज राजपूत, प्रभात तिवारी, डॉ. अतुल वर्मा, प्रभात वर्मा, अतुल तिवारी आदि कई लोग अपने घरों से पुराने पकडे़ दे चुके हैं। इनका वितरण भी किया जा चुका है।

ये लोग हैं टीम में

वैभव तिवारी का कहना है कि वह हीरोज क्लब चलाते हैं। उन्होंने गरीबों को पुराने कपड़े बांटने के लिए अपनी टीम में जाहिद हुसैन, कमलजीत सिंह, पंकज राजपूत, अतुल तिवारी, रवि कुमार, अंकुर अग्निहोत्री, विवेक सेंगर, मिथुन चक्रवर्ती और शोभित को शामिल किया है। उनका लक्ष्य इस सर्दी में पांच हजार कपड़े बांटने का है। वह सरकार के सहारे नहीं हैं। व्यक्तिगत प्रयास से टीम के सहयोग से लोगों की मदद और सेवा कर रहे हैं।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

      

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