काशी का वोटर चौकन्ना, झूठे वादों से नहीं गलेगी दाल
Devanshu Mani Tiwari 25 Feb 2017 2:23 PM GMT
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
वाराणसी। लोकसभा चुनाव से पहले कई राजनीतिक पार्टियों ने बड़ी-बड़ी रैली कर काशी के उद्धार की बात कही थी। तीन वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी वाराणसी जिले में किसी भी बड़े सरकारी प्रॉजेक्ट की शुरुआत न होने से काशी की जनता विधानसभा चुनावों में सब बराबर करने की बात कह रही है।
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आगामी आठ मार्च को काशी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर गांव कनेक्शन ने काशी की जनता से बातचीत की और उनके विचार जाने । रेलवे स्टेशन पर पिछले छह वर्षों से कुली का काम कर रहे परशुराम यादव (45 वर्ष) कहते हैं, “ विधानसभा चुनाव से पहले मोदी जी यहां आए थे और हमारी नौकरी पक्की करने की बात कही थी। इस बार रेल बजट से हमें बहुत उम्मीद थी, लेकिन हमारे लिए कुछ भी नहीं हुआ है।”
वाराणसी जिले में आज कल भूमिगत बिजली लाइन बिछाने का काम जोरों शोरों पर चल रहा है। इसके लिए शहर में जगह जगह रोड खोदी गयी है। इससे स्थानीय जनता दुखी है ही, साथ में चुनाव प्रचार में लगी पार्टियों को भी प्रचार में दिक्कत हो रही है।
जिले के लालपुर कस्बे से रोज़ाना शहर आकार एक निजी स्कूल में पढ़ा रहे शिक्षक रजनीश सिंह (38 वर्ष) ने बताया कि “ चुनाव में कोई भी पार्टी ऐसी नहीं थी,जिसने काशी की सड़कों को सुधारने की बात ना कही हो लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद यह सभी वादे मात्र दिखावा ही साबित होते हैं।खोदी गई सड़कों के कारण रोज़ शहर में जाम लगता है। इससे स्कूल पहुंचने में देरी हो जाती है।”
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