मुसहर जनजाति के लोगों को घर से निकालने की साजिश

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मुसहर जनजाति के लोगों को घर से निकालने की साजिशमुसहर जनजाति का परिवार।

अजय कश्यप

स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

रामसनेही (बाराबंकी)। आज से करीब 50 वर्ष पहले गाँव के मुखिया भूखन वर्मा ने अपने गाँव में मुसहर जनजाति के लोगों को रहने के लिए जगह दी थी। आज भूखन के परिवार के लोग ही इस जनजाति के लोगों को अपने गाँव से निकालने पर उतर आये हैं।

रामसनेही घाट के तहसील मुख्यालय के करीब 20 किलोमीटर दूर बनिकोडर गाँव में मुसहर जनजाति के 10 परिवार रहते हैं। इन्ही परिवारों में से एक परिवार के सदस्य रामदुलारे (55 वर्ष) बताते है, “आज मुखिया भूखन वर्मा की पीढ़ी से प्रधान और उनके परिवार ने इन लोगों का रहना मुश्किल कर दिया है। कई बार अधिकारियों से शिकायत भी कि लेकिन कोई भी हमारी सुनने वाला नहीं है।”

वहीं, बनिकोडर ग्राम प्रधान प्रदीप कुमार वर्मा (40 वर्ष) बताते हैं, ”ये लोग गाँव वालों के बहकावे में आकर अब हमारी जमीन पर भी कब्ज़ा कर रहे हैं।“ वहीं, थानाध्यक्ष राम सरोज बताते हैं, मैंने इस मामले में लेखपाल से विवाद निपटवाने की बात कही है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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