गाँव में न सड़क, न बिजली, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान

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गाँव में न सड़क, न बिजली, ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलानबालामऊ विधानसभा के ग्रामसभा त्यौनाकलां के ग्रामीणों ने ग्रामसभा की ख़राब सड़क और विद्युत आपूर्ति न चालू होने पर चुनाव का बहिष्कार किया है।

पीडी गुप्ता, स्वयं कम्यूनिटी जर्नलिस्ट

कछौना (हरदोई)। बालामऊ विधानसभा के ग्रामसभा त्यौनाकलां के ग्रामीणों ने ग्रामसभा की ख़राब सड़क और विद्युत आपूर्ति न चालू होने पर चुनाव का बहिष्कार किया है। प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रति ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।

बताते चलें कि विधानसभा बालामऊ के ग्रामसभा त्यौनाकलां में पांच वर्ष पूर्व सपा सरकार के कार्यकाल में एक कंपनी द्वारा ग्रामसभा में विद्युतीकरण कार्य चालू हो गया था, परन्तु ग्रामसभा में सिर्फ खम्भे और विद्युत तार विभागीय अधिकारियों ने लगाकर कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। यहाँ विद्युत आपूर्ति ग्राम नगवा से आनी थी। यह ग्रामसभा विद्युत उपकेंद्र बेनीगंज से संबद्ध है, परन्तु अभी तक विद्युत आपूर्ति नहीं चालू हुई। ऐसे में ग्रामीणों ने दर्जनों बार जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन किसी अधिकारी ने इस समस्या के निराकरण के लिए जहमत नहीं उठाई।

ऐसे में ग्रामीण आज भी दिये की रोशनी में जीवनयापन करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं, वहीं किसानों की सिंचाई प्रभावित होती है, जिससे ग्रामसभा का सर्वांगीण विकास नही हो पा रहा है। वहीं, कोथावां से बालामऊ आने वाला संपर्क मार्ग काफी जर्जर और गड्डेयुक्त है। कई जगह पुलिया टूटी पड़ी हैं। इस पंद्रह किमी मार्ग पर दर्जनों ग्रामसभायें नगवां, बसंतपुर, ठाकुरगंज, प्रतापपुर, रामपुर, त्यौनाकलां, त्यौनाखुर्द, पूरबखेड़ा, चेतरा, करोदीखेड़ा, बेरुआ, लालताखेड़ा, ओनवा, मानपुर, हथौड़ा आदि ग्रामसभाओं के ग्रामीणों का प्रतिदिन आवागमन रहता है। रास्ता ख़राब होने के कारण आये दिन दुर्घटनाएँ घट जाती हैं। एक बार ट्रैक्टर पलटने से महमुदपुर के दो ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है।

आने-जाने के लिए कोई सुविधा नहीं

इस मार्ग की दूरी लगभग 15 किमी. है। यह मार्ग पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है। रास्ता ख़राब होने के कारण आवागमन हेतु कोई वाहन सुविधा नही चालू हो पा रही है। ग्रामीण निजी साधन व बग्घी पर ही निर्भर हैं, जिससे समय की बर्बादी होती है। यह मार्ग लगभग 25 वर्षों से ख़राब पड़ा है, जिसकी अभी तक किसी ने भी सुध लेना मुनासिब नहीं समझा।

ऐसे में इन ज्वलंत समस्याओं को लेकर ग्रामीण राजू मौर्य, नफीस अहमद, रामस्वरूप, तिलकचंद, बिहारी, जाहिद, इलियास, यासीन अली आदि ने एकजुट होकर इस विधानसभा चुनाव में मतदान न करने का संकल्प लिया है। गांवों में जगह-जगह 'सड़क, विद्युत नहीं तो वोट नहीं' के बैनर लगाकर विरोध शुरू कर दिया है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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