विधानसभा चुनावों में रायबरेली नहीं देती कांग्रेस का साथ

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   31 Jan 2017 11:10 AM GMT

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विधानसभा चुनावों में रायबरेली नहीं देती कांग्रेस का साथजिले की छह विधानसभा सीटों पर नहीं है कोई भी कांग्रेसी नेता 

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

रायबरेली। भले ही कांग्रेस और समाजवाटी पार्टी का गठबंधन हो गया हो, लेकिन रायबरेली जिले में पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी का बुरा हाल देखते हुए यह बिलकुल भी नहीं लग रहा है कि आगामी चुनाव में इस गठबंधन से पार्टियों को कोई लाभ मिल पाएगा। जिले की संसदीय सीट पर कांग्रेस ने अपना दबदबा कायम कर रखा है, मगर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी।

जिले के मुंशीगंज क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने वाले परिवारों की संख्या सैकड़ों में है। यहां रहने वाले श्याम सुंदर बाजपेई (57 वर्ष) ऐसे ही एक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। श्याम सुंदर बताते हैं, ‘’लोकसभा चुनाव में खुद सोनियाजी यहां से खड़ी होती हैं और उन्होंने यहां विकास भी बहुत कराया है। इसलिए हम उन्हें वोट देते हैं। विधानसभा चुनाव में जिले के ही उम्मीदवार खड़े होते हैं इसलिए पार्टी के बजाए, हम लोगों को उनके काम के आधार पर वोट देते हैं।’’

रायबरेली जिले में कुल छह विधानसभा सीटों में (ऊंचाहार, सदर, हरचंदपुर, डलमऊ, बछरावां और सलोन) एक भी कांग्रेसी नेता नहीं है। इनमें से ऊंचाहार सीट से सपा के मनोज कुमार पांडे, सदर सीट से पीस पार्टी के अखिलेश सिंह, हरचंदपुर सीट से सपा के सुरेंद्र विक्रम सिंह, डलमऊ से सपा के देवेंद्र प्रताप सिंह, बछरावां सीट से सपा के राम लाल अकेला और सलोन सीट से सपा के आशा किशोर विधायक हैं।

रायबरेली जिले के बछरावां ब्लॉक के समोधा गाँव के युवा कांग्रेस नेता अतुल शुक्ला (35 वर्ष) ने बताया कि अभी तक जिले की बछरावां और हरचंदपुर विधानसभा सीट पर सपा के विधायक कायम हैं, पर गठबंधन के बाद यहां की सीटें कांग्रेस पार्टी को मिली हैं। इससे जो लोग यहां पर इस बार पार्टी से खड़े होंगे वो पूरी तरह से नए उम्मीदवार होंगे। इसलिए इससे कांग्रेस पार्टी को ज़्यादा फायदा नहीं होगा।

चुनावी माहौल को देखते हुए जिले में स्थानीय लोगों का यह मानना है कि इस बार कांग्रेस को सदर विधानसभा सीट से जीत मिल सकती है क्योंकि यहीं से लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके पीस पार्टी के नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह को कांग्रेस ने इस बार टिकट दिया है। अखिलेख सिंह इस बार अस्वस्थ होने के कारण चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट ना मिलने पर उन्होंने पीस पार्टी से सदर सीट पर चुनाव लड़ा था और जीता था।

जिला कांग्रेस समिति के एक सदस्य ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि रायबरेली की जनता सोनिया गांधी के नाम पर ही कांग्रेस पार्टी को वोट देती है। यहां वर्षों से गांधी परिवार के नाम पर कांग्रेस को वोट मिलते आए हैं। विधानसभा चुनावों में जब गांधी परिवार का कोई सदस्य ही नहीं खड़ा होता है तो पार्टी को वोट क्या मिलेगा।

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