बिजली की ग्रिड के लिए ग्रामीण नहीं देंगे जमीन

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बिजली की ग्रिड के लिए ग्रामीण नहीं देंगे जमीनग्रामीणों की भूमि पर मुआवजा देने से नाराज ग्रामीणों ने लिया फैसला

विष्णु तिवारी, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

ओबरा (सोनभद्र)। देश की सबसे ज्यादा क्षमता वाली पारेषण लाइनों में एक 765 केवीए की अनपरा डी-उन्नाव पारेषण लाइन के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो सकती है। पारेषण लाइन के तय किये गए मार्ग में पड़ रहे रेणुकापार के कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने पारेषण खंभों के लिए अपनी जमीन देने से इंकार कर दिया है। पारेषण लाइन के खंभों के लिए ली जा रही भूमि का मुआवजा नहीं देने और विभिन्न इलाकों में विद्युतीकरण नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है।

ग्रामीणों के अनुसार, कार्यदायी संस्था द्वारा ग्रामीणों से दु‌र्व्यवहार भी किया जा रहा है। साथ ही मुआवजा मांगने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही है। परसोई खास के उदित, अवरुद्ध खरवार, त्रिलोकी पनिका एवं रामदीन खरवार ने बताया कि काम करने वाली कम्पनी के कर्मचारी अक्सर ग्रामीणों को धमकी देते हैं। परसोई की ग्राम प्रधान सुधरी देवी बताती हैं, “किसानों से उनकी जमीन पर खंभे लगाने के लिए कोई भी मुआवजा राशि नहीं दी जा रही है।

पनारी गाँव के ग्राम प्रधान उदित खरवार बताते हैं, "किसानों का विभाग द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है। किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए।वहीं, उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड के अधिशासी अभियंता इं. सतीश कुमार बताते हैं, “इंडियन इलेक्ट्रिकल एक्ट 2003 सहित कई कानून के तहत ट्रांसमिशन लाइनों के स्थापना में भूमि के लिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है। केवल फसल एवं घर हटाने में हुई क्षति के लिए तय मानकों के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है।”

यह हैं ग्रामीणों की मांगें

  • 765 केवीए की अनपरा डी-उन्नाव पारेषण लाइन निर्माण को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मिली है सशर्त मंजूरी।
  • इसी लाइन से अनपरा डी में उत्पादित बिजली पहुंचेगी उन्नाव।
  • पर्यावरण स्वीकृति के लिए अनपरा से इलाहाबाद के बीच 56 किमी तक का काम रुका था।

खंभे लगे मगर नहीं मिला कनेक्शन

ग्राम पंचायत परसोई के नवा टोला, मगरदहा, सेमरदह, भौराकुण्ड तथा गाड़ापाथर में विद्युतीकरण के तहत खम्भे और तार तो लगा दिए गए हैं, परन्तु अभी तक न तो उनमें बिजली दी गयी है और न ही घरों में कनेक्शन दिया गया है। इसके अलावा परसोई के कनुहार, अमिरिनिया, पहरतरिया, अडुआपाथर, जमसोती, बोदरा, कबरौल, केजुआरी, दासहवां, डोफ, खटिहवां, खैरेटिया, खैराही एवं बभनमारी टोलों में आजतक विद्युतीकरण नहीं किया गया है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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