भरभरा कर गिरी थी स्कूल की बिल्डिंग, गांव वाले बच्चों को अब स्कूल भेजने में रहे हैं डर

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भरभरा कर गिरी थी स्कूल की बिल्डिंग, गांव वाले बच्चों को अब स्कूल भेजने में रहे हैं डरस्कूल की गिरी बिल्डिंग को देखते ग्रामीण।

भारती सचान/राजीव शुक्ला, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कानपुर देहात। डेरापुर ब्लॉक के बाजपेईपुरवा में भरभरा कर गिरी प्राथमिक स्कूल की छत में गनीमत रही कि कोई बच्चा घायल नहीं हुआ लेकिन एक सवाल फिर खड़ा हुआ है, सवाल इन स्कूलों के निर्माण में होने वाली धांधली का है। गांव के लोगों का आरोप है कि कुछ साल पहले बनी इस बिल्डिंग में सीमेंट-मौरंग के नाम पर बालू इस्तेमाल की गई, जिसने आज हमारे बच्चों की जिंदगी आफत में डाल दी थी। लोग अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं।

दो दिन पहले बाजपेईपुरवा में स्थित प्राथमिक स्कूल का एक हिस्भा भरभरा कर गिर गया। जिस वक्त हादसा हुआ बच्चे मैदान में प्रार्थना कर रहे थे, वर्ना बड़ा हादसा हो जाता। गांव के लोग बच्चों के सलामत होने से भगवान का शुक्र बना रहे हैं लेकिन सरकारी तंत्र से काफी गुस्सा भी हैं। गांव के रामदीन (65 वर्ष) बताते हैं, “’अगर स्कूल में बच्चे प्रार्थना न कर रहे होते तो पता नहीं कितने बच्चे हादसे का शिकार हो गये होते’’। बाजपेईपुरवा गाँव के प्राथमिक विद्यालय की छत 5 फरवरी को गिर गई थी।

इस प्राथमिक विद्यालय का निर्माण 2001 में हुआ था। इस भवन के निर्माण का कार्य करने वाले एवं इसी गाँव निवासी संदीप (35 वर्ष) ने बताया की, “मौरंग और सीमेंट के मसाले बालू का भी उपयोग बहुत हुआ था साथ ही सरिया भी केवल किनारों पर डाली गयी थी, जब स्कूल बना तो कोई अधिकारी निरीक्षण करने भी नहीं आया था छत जो पहले से ही कमजोर बनी थी।”

घटना की जानकारी होने पर कानपुर देहात के जिला बेसिक शिक्षाधिकारी शाहीन ने बताया, “पूरी रिपोर्ट बना कर इस प्रकरण की जाँच खंड शिक्षाधिकारी को सौप दी गयी है जाँच के उपरांत दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।’’

2016-17 में 11970.15 लाख रूपये का अनुदान प्रदेश के विद्यालयों के रखरखाव के लिए दिया गया है। इसमे से 166.875 लाख रूपये कानपुर नगर और 170.925 लाख रूपये का अनुदान कानपुर देहात को दिया गया है, जबकि 2015-16 में प्रदेश में यह राशि 11929.35 लाख रुपये थी। बावजूद इसके बाजपेईपुर जैसे हादसे हो रहे हैं।

    

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