बाउंड्री न होने के कारण स्कूलों में घुस आते हैं जानवरों, छात्र परेशान  

Arvind ShukklaArvind Shukkla   8 Oct 2016 1:18 PM GMT

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बाउंड्री न होने के कारण स्कूलों में घुस आते हैं जानवरों, छात्र परेशान  स्कूलों के अंदर चरतीं भेंड़े। फोटो- हर्षित कुशवाहा

हर्षित कुशवाहा, कम्यूनिटी जर्नसिल्ट

मझिगवां (सीतापुर)। सरकारी स्कूलों में बाउंड्री का न होने से कई स्कूलों में छात्र-छात्राएं तो परेशान रहते हैं उनके माता-पिता भी सहमे रहते हैं। रामपुर मथुरा ब्लॉक के गांव मझिगवां के प्राथमिक विद्यालय मझिगवां तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दोनों में बाउंड्री नहीं है। यहां अक्सर आसपास के लोग पशु चराने ले आते हैं तो कई बार जंगली जानवर भी घुस आते हैं।

सीतापुर जिले के रामपुरमथुरा ब्लॉक में ये विद्यालय मझिगवां से चतुरीपुरवा जाने वाली सड़क पर स्थित है, जो आबादी से काफी दूर है। इसलिए इस सड़क पर लोगों का आवागमन बहुत ही कम रहता है। इस स्कूल की गाँव के किसी घर की न्यूनतम दूरी आधी मील होगी। इतना ही नहीं इस स्कूल के चारों तरफ खेत और जंगल स्थित है। यहां की निवासी अब्दुल खां (55 वर्ष) बताते हैं, "हमारे बच्चे पढ़ने के लिए जंगल में बने स्कूल में जाते हैँ। स्कूल में बाउंड्री भी नहीं है। छुट्टा जानवर झुंड बनाकर वहां चरते रहते हैं। बच्चों की चिंता बनी रहती है।" इसी गाँव की रहने वाली मालती देवी (32 वर्ष) बताती हैं, "इस स्कूल के आसपास अक्सर भेड़िया जैसे खूंखार जानवर देखे जाते हैं। ऐसे में यहां के सरकारी स्कूल में चहारदीवारी न होना खतरे से खाली नहीं।"

फोटो- हर्षित कुशवाहा

प्राथमिक विद्यालय तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय मझिगवां के खुले मैदान में भेड़, भैस चरती पायी गयीं और चरवाहा भी मौजूद थे। एक चरवाहे सुमित कुशवाहा (28 वर्ष) ने बताया, " यहां काफी घास है और फिर कोई टोकता नहीं है तो भेड़ें चराने ले आते हैं।” प्राथमिक विद्यालय के रसोइया ने बताया, 'यहां कोई चहारदीवारी तो है नहीं, यहां कभी भी कोई भी आ जाता है। इस स्कूल में कई बार चोरी भी हो चुकी है। ये सिर्फ चहारदीवारी न होने के अंजाम हैं।"

स्कूल परिसर में भरा पानी।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

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