नोटबंदी और आचार संहिता के बाद बीजेपी खोलेगी पत्ते

Rishi MishraRishi Mishra   21 Nov 2016 6:53 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
नोटबंदी और आचार संहिता के बाद बीजेपी खोलेगी पत्तेफोटो साभार: गूगल।

लखनऊ। पुराने नोटों की अदला-बदली पूरी होने के बाद ही भारतीय जनता पार्टी टिकटों का वितरण शुरू करेगी। तब प्रदेश में चुनावी आचार संहिता भी लग जाएगी। इस पूरे मामले में इंपेक्ट के आधार पर बीजेपी प्रत्याशियों का चयन करेगी। जिसमें भगवा खेमे की सबसे बड़ी चिंता उम्मीदवारों के ऊपर काले धन का कोई भी दाग न लगा हो। इसलिए अभी टिकट वितरण में कोई भी जल्दबाजी बीजेपी करती हुई नजर नहीं आ रही है। मगर कई विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के नाम पर अनेक प्रत्याशियों ने प्रचार तक करना शुरू कर दिया है।

मगर बात फिर से विधानसभा चुनाव की है

प्रदेश में भाजपा के फिलहाल 42 विधायक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी की बहुत बुरी गत हुई थी। मगर लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन को बीजेपी ने कहीं बेहतर करते हुए 80 में से 73 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था। जिसमें 325 के करीब विधानसभा सीटें भाजपा ने जीती थीं। मगर बात फिर से विधानसभा चुनाव की है। ऐसे में कई सर्वे रिपोर्ट आ चुकी हैं। जिनमें बीजेपी को बसपा और सपा से आगे बताया गया है। हालिया रिपोर्ट इंडिया टुडे ग्रुप की आई है। जिसमें भाजपा को बहुमत के बहुत नजदीक बता दिया गया है। ऐसे में अब पार्टी के टिकट का वजन भी बढ़ गया है।

जनवरी पहले सप्ताह में प्रत्याशियों की घोषणा की तैयारी

मगर बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। बीजेपी टिकट देने में सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस के पत्ते खुलने का इंतजार करेगी। ताकि अपने प्रत्याशियों के लिए मानक तय करना आसान होगा। इसके साथ ही नोटबंदी के इस माहौल में जो बदलाव देश और प्रदेश में आएंगे, उसके अनुसार ही उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। जिसका आला नेतृत्व, आरएसएस की कोर कमेटी करेगी। जनवरी के पहले सप्ताह से तीन चरणों में बीजेपी के प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी।

पश्चिमी विधानसभा पर जोरदार लड़ाई

खासतौर पर लखनऊ में ही नजर दौड़ाएं तो लखनऊ पूर्व की नई विधानसभा सीट पर गोपाल जी टंडन के साथ विश्वविद्यालय में एबीवीपी से अध्यक्ष रहे संतोष भी जोरआजमाइश की तैयारी में है। पश्चिमी विधानसभा सीट पर जोरदार लड़ाई है, यहां पूर्व विधायक सुरेश श्रीवास्तव के अतिरिक्त, राज्यसभा सांसद कुसुम राय के अतिरिक्त केजीएमयू के वरिष्ठ चिकित्सक जो कि सेवानिवृत्ति के नजदीक हैं, उनका भी नाम लिया जा रहा है। कैंट में सुरेश तिवारी के साथ ही हाल में भाजपा में आने वाले अरविंद त्रिपाठी गुड्डू को भी विधायकी के टिकट के नजदीकी आता माना जा रहा है। सरोजनी नगर क्षेत्र में पूर्व मंत्री वीरेंद्र तिवारी ने लड़ने की तैयारी की है। जबकि उनके अलावा भी कई कद्दावर नेता इस इलाके में भाजपा के टिकट के लिए लगे हुए हैं।

लखनऊ उत्तर क्षेत्र में नीरज बोरा का दावा माना जा रहा मजबूत

लखनऊ उत्तर क्षेत्र में फिलहाल कांग्रेस का दामन छोड़ कर दो साल पहले बीजेपी में आए डॉ नीरज बोरा का दावा मजबूत माना जा रहा है। मगर कई और कद्दावर नाम इस क्षेत्र में किस्मत आजमाने के लिए लगे हुए हैं। राजधानी की ही किसी सुरक्षित विधानसभा सीट से उम्मीद की जा रही है कि महापौर डॉ दिनेश शर्मा को भी भाजपा टिकट दे दें। लखनऊ पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से मनोज कुमार गुप्ता भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर अपना प्रचार शुरू कर चुके हैं। उनके होर्डिंग बैनर इलाके में जहां-तहां दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह से सीतापुर में विधानसभा क्षेत्र 146 से मनीष शुक्ला भी बतौर भाजपा प्रत्याशी अपना झंडा बिल्ला सेट कर चुके हैं।

ये दो क्षेत्र तो केवल नजीर भर हैं

ये दो क्षेत्र तो केवल नजीर भर हैं। प्रदेश की कम से कम 300 विधानसभा सीटों पर भाजपा के नेता बिना टिकट घोषित हुए प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। अब तक आ चुकी सर्वे रिपोर्ट में भाजपा को विधानसभा चुनाव में सबसे बड़े दल के तौर पर उभरने की संभावना जताई जा रही है। जिसका असर ये है कि विभिन्न इलाकों में कई नेता अभी से खुद को उम्मीदवार मान चुके हैं। जिसमें सबसे अधिक नये चेहरे ही खुद को विधायक पद का दावेदार मानने लगे हैं।

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.