भाजपा को विरोध का लाभ लेने नहीं देगी सपा

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भाजपा को विरोध का लाभ लेने नहीं देगी सपाविक्रमादित्य मार्ग पर स्थित सपा का मुख्यालय (फोेटो: गाँव कनेक्शन)

लखनऊ। प्रदेश में अपनी सत्ता गंवा चुकी समाजवादी पार्टी के ख्याल और अंदाज इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पार्टी में बदलाव हो रहा है। अपनी हार के मंथन में जुटी सपा में इस बात को लेकर एक राय बन रही है कि हर एक मुद्दे पर बीजेपी या केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के विरोध में खड़ा होना पार्टी को नुकसान पहुंचाया है।

ऐसे में सपा अब बीजेपी को विरोध का कोई ऐसा मौका देना नहीं चाहती जिसका लाभ बीजेपी को मिले। समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि पार्टी हार के कारणों की समीक्षा कर रही है। पार्टी ने तय किया है राज्य में वह रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। साथ ही जनता के सवालों पर संघर्ष करेगी। आदित्यनाथ योगी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने जो गर्मजोशी दिखाई है उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे जहां सपा नेताओं का बड़प्पन बता रहे हैं वहीं कुछ समाजवादी पार्टी की बदलती रणनीति की ओर इशारा कर रहे हैं।

बीजेपी के शपथ ग्रहण समारोह में कुछ इस अंदाज में मिले थे अखिलेश और प्रधानमंत्री मोदी

साल 2007 में अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली समाजवादी पार्टी के लिए इस बार चुनाव बहुत बड़ा झटका है। स्थित यह है कि पार्टी 200 से अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी इस बार 50 का आंकड़ा भी छू नहीं पाई है। ऐसे में पार्टी अपने हर एक उस पहलू को तलाश रही है जो उसकी हार के कारण बने। पार्टी के थिंकटैंक में शामिल लोगों को लगता है कि बीजेपी के उठाए गए हर एक मुद्दे को विरोध करने के से समाज के बहुसंख्यक समाज में पार्टी के प्रति एक नकारात्मक धाराण पैदा हुई जिसका पार्टी को नुकसान हुआ।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनिल यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी सत्ता में रहे या विपक्ष में पार्टी समाज के सभी वर्गां को समान रूप से देखती है। समाजवादी पार्टी में अभी नेता विधायक दल का चयन नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि इस पद के प्रबल दावेदार सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान को पार्टी इस बार मौका देने नहीं जा रही है। इस बार पार्टी किसी नए नेता पर दांव लगा सकती है। आजम खान के अलावा इस रेस में शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के करीबी राम गोविंद चौधरी भी थे। सपा विधायक दल का नेता ही यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनेगा। नेता प्रतिपक्ष को यूपी सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा और सुविधाएं मिलती हैं।

      

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