ललितपुर-चित्रकूट में कई जगहों पर लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार, नेताओं और पार्टियों को सबक सिखाने के मूड में बुंदेलखंड के मतदाता

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
ललितपुर-चित्रकूट में कई जगहों पर लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार, नेताओं और पार्टियों को सबक सिखाने के मूड में बुंदेलखंड के मतदाताग्रामीणों ने नेताओं और पार्टियों को सबक सिखाने मूड में चुनाव का वहिस्कार किया है।

अरविंद सिंह परमार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

ललितपुर। महरौनी के गदनपुर गाँव मै पोलिंग बूथ पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है, कोई भी वोट डालने नहीं आ रहा है। ग्रामीणों ने नेताओं और पार्टियों को सबक सिखाने मूड में चुनाव का बहिष्कार किया है। ग्रामीणों की मांग है कि महरौनी विधानसभा अंतर्गत इन गाँवो को नयी तहसील पाली से वापिस महरौनी तहसील मे जोड़ा जाए।

ग्राम महरौनी विधानसभा के बारचोन, बमराना, सकतु, बुदनी, गदनपुर गाँवो के पोलिंग बूथ पर 10 बजे तक एक भी वोट नहीं डला है, जिसकी खबर मिल रही है, यहां तक कि पोलिंग बूथों पर किसी भी राजनैतिक प्रत्याशी के ऐजेंट तक नहीं बने हैं।

ललितपुर के कई गांवों के ग्रामीणों में रोष, मांगें नहीं हुईं पूरी, अब करेंगे चुनाव का बहिष्कार

बारचौन गाँव के शिशुपाल सिंह (30 वर्ष) बताते है, ''हम पाली से महरौनी तहसील की माँग पर अड़े हैं, नेताओ के बहुत चक्कर काटे कोई भी हम गाँव वालो की परेशानी मै सामिल नही हुआ।'' वो आगे बताते है कि जिलाधिकारी कुछ देर पहले आये थे, वोट डालने की अपील की, लेकिन हम लोग अपनी माँग पर अड़े हैं।

सुबह से 10 बजे गये हैं, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नही हैं, एक जुटता की ताकत दिखाने मे लग गये हैं, गाँवो मै पुरजोर विरोध हो रहा है। बमराना गाँव के नीरज भूषण टोंटे (28 वर्ष) बताते है, ''नेताओ से जबरजस्त नाराजगी है, तहसील परिसीमन के दौरान कोई पैरवी करने को नही आया, चुनाव बहिष्कार करके शासन तक एक जुट होकर अपनी समस्या को पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

ग्राम बारचोन, बमराना, सकतु, बुदनी, गदनपुर आदि ग्रामों द्वारा बहिष्कार किये जाने के लिए ग्रामीण अड़े हैं। ग्रामीणों की मांग है कि हमारे गाँव पाली तहसील से हटा कर महरौनी में जोड़ा जाय पाली पहुँचने के लिए सुवह से शाम तक का समय लगता है और तीन बसें बदलनी पड़ती है, ऐसे में सरकारी काम के समय में पहुंचना मुमकिन नहीं होता।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.