‘आम’ की सियासत के जरिए दिल जीतना चाहती है कांग्रेस, घोषणा पत्र में मलिहाबाद में विशेष पर्यटन केंद्र बनाने का वादा

Ashwani NigamAshwani Nigam   8 Feb 2017 7:35 PM GMT

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‘आम’ की सियासत के जरिए दिल जीतना चाहती है कांग्रेस, घोषणा पत्र में मलिहाबाद में विशेष पर्यटन केंद्र बनाने का वादाआम की प्रदर्शनी

लखनऊ। देश-विदेश में उत्तर प्रदेश का जिक्र आते यह राज्य देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने के साथ ही आम के लिए भा जाना जाता है। लखनऊ जिले में स्थित मलिहाबाद का दशहरी आम देश-दुनिया के लोगां को लुभाता है। मैंगो बेल्ट के नाम से प्रसिद्ध् इसी जगह पर दुनिया का पहला अंतराष्ट्रीय आम संग्रहालय के निर्माण की घोषणा कांग्रेस की है।

विधानसभा चुनाव में अभी तक जारी किए गए बीजेपी, सपा और राष्ट्रीय लोकदल जैसे किसी भी दल ने आम को लेकर कोई घोषणा नहीं की है। कांग्रेस ने अपने घोषणपत्र में कहा है कि मलिहाबाद को आम के लिए विशेष पयर्टन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष राजब्बर ने कहा '' मलिहाबाद आम जोन में हम विशेष पैदला रास्तों का निर्माण करेंगे। यहां पर खान-पान की सुविधाओं के साथ आम की संस्कृति का संगीत शुरू करेंगे। '' देश-विदेश के पयर्टक यहां पर आकर आम के फलों के आनंद लेने के साथ ही संगीत का भी लुत्फ उठाएंगे। कांग्रेस नेता कहा कि आम संग्रहालय में मलिहाबाद में पैदा होने वाले आमों की विभिन्न किस्मों के साथ ही देश-विदेश में पैदा होने वाले आमों का संग्रहालय में रखा जाएग।

गन्ना के बाद पहली बार किसी पार्टी ने आम को बनाया मुद्दा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी तक किसी भी चुनाव में किसी भी पार्टी ने आम प्रदेश में आम के घटते उत्पादन और बागान का मुद्दा नहीं बनाया है। पहली बार है जब किसी पार्टी ने आम का संरक्षित और विकसित करने की बात की है। मलिहाबाद के रहने वाले और देशभर में आम के लिए पहचान रखने वाले मैंगो मैन आफ इंडिया पदमश्री कलीमुद्दीन खान ने पिछले दिनों यह चिंता जाहिर की थी आम केा बचाने के लिए जो काम होना चाहिए नहीं हो रहा है।

यूपी के मलिहाबाद में है सबसे बड़ी मैंगो बेल्ट

आम के बागान कटते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि 1919 में आम की 1300 प्रजातियां हआ करती थी जो घटकर अब 700 के लगभग रह गई हैं। महिलाबाद में रियल स्टेट के फैलते धंधे के कारण और भी यहां के आम बागानों पर खतरा है। जिसको लेकर आम किसानों के साथ ही कृषि वैज्ञानिकों ने भी चिंता प्रकट की है। ऐसे में आम को संरक्षित करने के लिए पयर्टन केन्द्र और अंतरराष्ट्रीय आम सग्रहालय बनाने की घोषणा से आम पैदा करने वाले किसानों से लेकर व्यापरियों ने खुशी जाहिर की है। आल इंडिया मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इंसराम अली ने कहा कि प्रदेश में आम के बागानों को बचाने और बढाने की जरूरत है। आम लाखों लोगों के लिए रोजी-रोटी से जुड़ा मुद्दा है।

      

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