पांच राज्य विधानसभा चुनाव 2017 के लिए चार फरवरी को पड़ेंगे वोट, 11 मार्च को आएगा रिजल्ट : नसीम जैदी  

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   4 Jan 2017 6:29 PM GMT

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पांच राज्य विधानसभा चुनाव 2017 के लिए चार फरवरी को पड़ेंगे वोट, 11 मार्च को आएगा रिजल्ट : नसीम जैदी  मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी।

नई दिल्ली। केन्द्रीय चुनाव आयोग ने बुधवार को पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव 2017 की तारीखों की घोषणा की। आज से इन पांचों राज्यों में आचार संहिता लागू हो जाएगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 सात चरणों में होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के पहले चरण का चुनाव 11 फरवरी को होगा। इन राज्यों की कुल 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा।

मुख्य केन्द्रीय चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही इन पांच राज्यों में आचार संहिता लागू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में उम्मीदवारों की खर्च सीमा 28 लाख रुपए रहेगी जबकि गोवा और मणिपुर में यह खर्च 20 लाख रुपए होगा।

मुख्य केन्द्रीय चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि पंजाब विधान सभा चुनाव और गोवा विधान सभा चुनाव 2017 चार फरवरी को होगा। उत्तराखंड में 15 फरवरी को विधानसभा चुनाव होंगे। गोवा में विधानसभा की 40, पंजाब में 117 और उत्तराखंड में 70 सीटें हैं।

पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में 11, 15, 19, 23, 27 फरवरी तथा चार और आठ मार्च को मतदान होगा।

690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 16 करोड़ देंगे वोट

उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के कुल 690 विधानसभा क्षेत्रों के लिए होने वाले चुनाव में 16 करोड़ से अधिक लोग भागीदारी करेंगे। इसके लिए निर्वाचन आयोग 1.85 लाख मतदान केंद्र बनाएगा। इन मतदान केंद्रों की संख्या 2012 के चुनाव में बनाए गए मतदान केंद्रों से 15 प्रतिशत अधिक है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ निर्वाचन आयुक्त एके जोति तथा ओपी रावत भी थे। उन्होंने घोषणा की कि चुनाव प्रक्रिया पंजाब और गोवा विधानसभा के लिए 11 जनवरी को अधिसूचना जारी किए जाने के साथ शुरू होगी जहां उम्मीदवार नामांकन भरना शुरू कर सकते हैं।

आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू

जैदी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव में आ जाएगी तथा यह इन राज्यों में घोषणाओं के संदर्भ में केंद्र सरकार के अतिरिक्त राजनीतिक दलों और संबद्ध राज्य सरकारों पर लागू होगी।''

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि उम्मीदवारों को सभी चुनावी खर्च के लिए एक नया बैंक एकाउंट खोलना होगा तथा 20 हजार रुपए से ऊपर का सभी खर्च उनके संबंधित खातों से चेक के जरिए किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी चंदे चेकों के जरिए स्वीकार किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख तथा गोवा और मणिपुर के लिए यह सीमा 20 लाख रुपए होगी।

उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरण में चुनाव होगा।

उत्तर प्रदेश में सात चरण में होंगे चुनाव

उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को पहले चरण के मतदान के तहत 15 जिलों में 71 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 11 जिलों में 67 सीटों के लिए दूसरे चरण के तहत 15 फरवरी को मतदान होगा। इसी तरह तीसरे चरण में राज्य के 12 जिलों में 19 फरवरी को 69 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा। चौथे और पांचवें चरण का मतदान 23 और 27 फरवरी को होगा जिसके तहत क्रमश: 53 और 52 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। उत्तर प्रदेश में छठे चरण के मतदान के तहत चार मार्च को 49 सीटों पर मतदान होगा। सातवें चरण का मतदान आठ मार्च को होगा जिसमें 40 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे।

पंजाब और गोवा में एक ही दिन चार फरवरी को क्रमश: 117 और 40 सीटों के लिए मतदान होगा। चुनाव प्रक्रिया नामांकन दाखिल किए जाने के साथ 11 जनवरी से शुुरू हो जाएगी।

उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटों के लिए एक ही दिन 15 फरवरी को मतदान होगा, जबकि मणिपुर में मतदान दो चरणों में चार और आठ मार्च को होगा। उत्तराखंड में चुनाव प्रक्रिया 20 जनवरी से शुरू हो जाएगी, वहीं मणिपुर में चुनाव प्रक्रिया अधिसूचना जारी होने के साथ ही 11 फरवरी से शुरू होगी जहां नामांकन शुरू हो जाएंगे।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव 2017 का कार्यक्रम।

जैदी ने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद इन चुनावों में काले धन का इस्तेमाल कम होने की उम्मीद है, लेकिन विभिन्न स्वरुपों में अन्य प्रलोभनों में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग पहली बार चुनाव प्रक्रिया की घोषणा के बाद पहले 72 घंटों के लिए तथा मतदान से पहले अंतिम 72 घंटों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया जारी करेगा जिससे कि चुनावी मशीनरी का चुस्त एवं सक्रिय रहना सुनिश्चित हो सके।

इन विधानसभा चुनावों के दौरान चुनिंदा क्षेत्रों में काफी संख्या में वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा तथा गोवा वीवीपीएटी से पूरी तरह लैस रहेगा। सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल किया जाएगा और ईवीएम पर बने मत पत्र पर पहली बार उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिह्न के साथ उनकी तस्वीर भी होगी।
नसीम जैदी मुख्य केन्द्रीय चुनाव आयुक्त

निर्वाचन आयोग मतादाताओं को चुनाव से पहले फोटोयुक्त मतदाता रसीद उपलब्ध कराएगा और रंगीन बुकलेट भी बांटेगा जो मतदाताओं को चुनाव की तारीख, समय और मतदान केंद्रों की जगह तथा ‘क्या करें और क्या न करें' के बारे में दिशा-निर्देशित करेगी।

चुनाव प्रबंधन में महिलाओं को अधिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते निर्वाचन आयोग इस बार कुछ ऐसे मतदान केंद्र भी बनाएगा जहां का पूरा काम महिला कर्मचारियों के हाथों में होगा। इसके साथ ही सभी मतदान केंद्र दिव्यांगों के लिए भी अनुकूल होंगे।

पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभाओं का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है, जबकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च को और उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को पूरा हो रहा है। कानून के मुताबिक, किसी भी विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले वहां चुनाव होने चाहिए। आयोग ने साथ ही चुनाव की घोषणा होने के तुरंत बाद से आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने को भी कहा।

इन पांचों राज्यों में कुल 690 निर्वाचन क्षेत्रों में से 133 अनुसूचित जातियों तथा 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।

विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों की खर्च सीमा का ऐलान

निर्वाचन आयोग ने बुधवार को देश के पांचों राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में प्रति उम्मीदवार खर्च सीमा तय कर दी। इन पांचों राज्यों में प्रति उम्मीदवार खर्च की जाने वाली सीमा 20 लाख रुपए से 28 लाख रुपए के बीच तय की गई है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) नसीम जैदी ने खर्च सीमा का ऐलान करते हुए कहा, "गोवा और मणिपुर में चुनाव पर प्रति उम्मीदवार 20 लाख रुपए खर्च किए जा सकते हैं।" मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, "पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में यह राशि 28 लाख रुपए होगी।"

मतदाताओं के लिए रंगीन मतदाता गाइड

निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि पहली बार चुनाव में मतदाताओं को रंगीन मतदाता गाइड दी जाएगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, "पहली बार मतदाताओं को फोटो पहचान-पत्र के साथ रंगीन मतदाता गाइड दिए जाएंगे।"

इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के जरिए रक्षाकर्मी डाल पाएंगे मत

निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि अपने घरों से दूर तैनात जवान आगामी विधानसभा चुनावों में एकतरफा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के जरिए मतदान कर सकेंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, "हमने रक्षाकर्मियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को एकतरफा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन प्रणाली के जरिये मतदान की सुविधा प्रदान कराने का फैसला किया है।" जैदी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अगस्त 2016 में पुडुच्चेरी में पहली बार इसका सफल प्रयोग किया।

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान केंद्रीय बजट पेश किए जाने के मुद्दे पर कुछ राजनीतिक दलोंं ने जो अभिवेदन दिए हैं उनपर चुनाव आयोग विचार कर रहा है। समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है इस का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग चुनाव चिन्ह के प्रयोग को लेकर समाजवादी पार्टी के विभिन्न धडोंं के दावोंं की समीक्षा कर रहा है, पुरानी परंपराओं और तय नियमों के आधार पर फैसला लेगा।

क्या करें, क्या न करें की फेहरिस्त जारी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) नसीम जैदी ने बुधवार को कहा कि पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कुछ नए कदम उठाए गए हैं। जैदी ने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार पोस्टर लगाए जाएंगे, जिसमें मतदाताओं को मतदान केंद्र की जानकारी और अन्य जानकारी दी जाएगी।

मतदान केंद्रों पर मतदान सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। जैदी ने पिछले चुनावों के दौरान की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कहा कि इस बार मतदान केबिन की ऊंचाई 30 इंच तक बढ़ाई जाएगी। यह कदम मतदाता के शरीर के ऊपरी हिस्से को गुप्त रखने के लिए उठाया गया है। जैदी ने कहा, "यह कदम गोपनीयता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।"

उम्मीदवारों को देना होगा सरकारी एजेंसियों से प्रमाण पत्र

भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि उम्मीदवारों को उन्हें सुविधाएं और सरकारी आवास उपलब्ध कराने वाली एजेंसियों से जारी 'नो डिमांड सर्टिफिकेट' प्रस्तुत करना होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा, "उम्मीदवारों को 'नो डिमांड सर्टिफिकेट' प्रस्तुत करना होगा और यह प्रमाणपत्र बिजली, पानी, टेलीफोन उपलब्ध कराने वाली एजेंसियों से जारी किया जाएगा। इन उम्मीदवारों को साथ ही पिछले 10 साल के दौरान के सरकारी आवासों के किराए के प्रमाण-पत्र भी देने होंगे।"

           

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