सीतापुर के बहादुरगंज के सैकड़ों लोग नहीं डाल पाए वोट

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सीतापुर के बहादुरगंज के सैकड़ों लोग नहीं डाल पाए वोटसीतापुर के रामपुरमथुरा के बहादुरगंज में कई लोग अपना वोट नहीं डाल पाए।

बसंत कुमार, स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

बहादुरगंज (सीतापुर)। विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में रविवार को सीतापुर जिले में भी मतदान हुआ। चुनाव आयोग द्वारा वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाए गए और खूब अभियान चला, उसका असर भी दिखा, ज्यादातर बूथों पर लाइन नजर आई लेकिन कई जगहों पर मतदाता लिस्ट में नाम न होने के चलते वोट नहीं डाल पाए, तो कई जगह जिंदा को मृतक भी दिखाया गया। रामपुरमथुरा के बहादुरगंज में कई लोग अपना वोट नहीं डाल पाए।

रामपुर मथुरा ब्लॉक के चनौरी, अंगरौरा फतेहपुरवा गाँवों के घाघरा नदी में कटने पर विस्थापित होकर बहादुरगंज के कृष्णा नगर, शांति पुरवा में बसाए गए करीब 100 लोग लोकतंत्र के महापर्व में शामिल नहीं पाए। इनके पास आधार कार्ड, बैंक पासबुक है लेकिन मतदाता सूची में नाम नहीं होने से वोट नहीं डाल पाए।

कृष्णा नगर के रहने वाले मुनीम निषाद (22 वर्ष) बताते हैं, ‘पिछले पांच साल से हम यहां रह रहे हैं लेकिन हमारा वोटर आईडी कार्ड नहीं बन पा रहा है, जिसके कारण हम हर बार वोट नहीं कर पाते हैं, हमारे पास वोटर आईडी कार्ड के अलावा सभी कार्ड है।’

कृष्णा नगर के ही रहने वाले रामचरण (60 वर्ष) बताते हैं कि हम लोग प्रधानी के चुनाव के समय वोट देते हैं लेकिन बाकी चुनाव के समय हमें वोट देने का मौका नहीं मिलता है। वोटर कार्ड बनवाने के लिए हम कई बार आवेदन दिए लेकिन अब तक हमारा वोटर आईडी कार्ड नहीं बना है।

बहादुरगंज ग्राम पंचायत (गढ़चंपा) के प्रधान मुकुंद तिवारी बताते हैं, ‘मतादाता सूची में काफी गलतियां हैं। हमारे यहां छोटे-मोटे 27 पुरई-पुरवा है, जिनमें कई में तो पूरे के पूरे मुहल्ले के लोगों के नाम लिस्ट से गायब हैं। घाघरा की विस्थापिट होकर आए लोगों ने पंचायत चुनाव में वोट डाला था तो विधानसभा चुनाव में वोट होना चाहिए था। गाँव के ही रहने वाले अजय कुमार मृतक हैं, उनका नाम लिस्ट में है तो रमजान पुत्र ननकऊ जो की मृतक हैं लेकिन उनका नाम भी लिस्ट में है। जबकि कई जिंदा लोगों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हैं।’

जिंदा को मार दिया

मतदाता लिस्ट बनाने में हुई गलती से एक महिला को मरा हुआ बता दिया गया, जबकि वर्षों पहले मर चुके लोगों के नाम सूची में थे। गढ़चप्पा गाँव के रहने वाले इमामुद्दीन की पत्नी खातून अभी जिंदा हैं लेकिन वोटर लिस्ट में उनको मरा हुआ बताते हुए ‘विलोपित’ बता दिया है। खातून जब वोट करने गई तो अधिकारीयों ने उसे मरा हुआ बताकर वापस कर दिया। खातून के पति इमामुद्दीन बताते हैं, ‘पहले जब खातून वोट देने गई तो अधिकारियों ने उसे मरा हुआ बताकर वापस कर दिया। दोबारा खातून का आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड लेकर गए, उसके बाद भी काफी लड़ने-झगड़ने के बाद वोट देने का मौका दिया गया।’

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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