रिवर फ्रंट के लिए खोदी गई सैकड़ों टन मिट्टी गायब

Rishi MishraRishi Mishra   29 March 2017 5:58 PM GMT

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रिवर फ्रंट के लिए खोदी गई सैकड़ों टन मिट्टी गायबहाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था दाैरा। 

लखनऊ। गोमती रिवर फ्रंट डवलपमेंट परियोजना के दौरान नदी से निकाली गई सैकड़ों टन मिट्टी कहां गई इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है। करीब तीन किलोमीटर तक गोमती की ड्रेजिंग की गई थी। इसके साथ ही दोनों ओर रिटेनिंग वॉल बनाई गई थी। जिसमें हुई खुदाई से मिट्टी के पहाड़ खड़े हो गए थे।

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मगर मिट्टी का कोई हिसाब किताब अब सिंचाई विभाग के अफसरों के पास नहीं है। इस मिट्टी की कीमत करोड़ों रुपए में है। सिंचाई विभाग के अफसरों से इस बारे में मुख्यमंत्री के रिवर फ्रंट निरीक्षण के दौरान सवाल पूछे गए थे, मगर अफसरों के पास इसका कोई भी जवाब नहीं है। अब शासन रिवर फ्रंट परियोजना की समीक्षा के साथ ही मिट्टी गायब होने की जांच भी कराएगा। जिसमें कई अफसरों की गर्दन नपना तय माना जा रहा है।

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रिवर फ्रंट परियोजना कुड़िया घाट से लेकर लामार्टीनियर तक लागू है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर 1427 करोड़ रुपये खर्च किये गये। जिसमें मुख्य तौर पर 1090 चौराहे के नीचे रिवर फ्रंट पार्क बनाया गया। बाकी सभी जगह अभी केवल काम किया जा रहा है। गोमती नदी भी स्वच्छ नहीं की जा सकी। 26 नाले अब तक सीधे गोमती में ही मिल रहे हैं। जिससे गोमा में प्रदूषण पर रोक नहीं लग पा रही है।

इस परियोजना में लापरवाही और फिजूलखर्ची जम कर की गई है। कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं। जिसका कोई हिसाब अफसरों के पास नहीं है। प्रत्येक बिंदु पर जांच की जाएगी। आगे इस परियोजना में एक रुपए की फिजूलखर्ची नहीं होने दी जाएगी।
धर्मपाल मलिक, सिंचाई मंत्री, उप्र

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इस परियोजना में धन की फिजूलखर्ची के अलावा अब एक और गड़बड़ी सामने आ रही है। सिंचाई विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बात की शिकायत मिली थी कि मिट्टी की बहुत बड़ी खेप जो इस परियोजना में निकली थी, उसकी चोरी की गई है। इस बाबत जब सीएम योगी ने सिंचाई विभाग के अफसरों से जानकारी ली थी, तब अफसर बगले झांकने लगे। सूत्रों ने बताया कि, अफसरों ने मिट्टी के विषय में कोई जानकारी नहीं दी। तब इस बिंदू को मुख्यमंत्री ने जांच के लिए नोट करा दिया।

मिट्टी के मामले में जम कर हुई गड़बड़ी, हाल ही में निकली मिट्टी अभी सलामत

गोमती संरक्षण को लेकर पिछले करीब 15 साल से काम कर रही शुभसंस्कार समिति के संयोजक ऋद्धिकिशोर गौड़ ने बताया कि, रिटेनिंग वॉल बनाई गई थी और ड्रेजिंग की गई। जिसमें निकली मिट्टी का कोई हिसाब सिंचाई विभाग के अफसरों के पास में नहीं है। करीब तीन किलोमीटर तक की मिट्टी गायब की गई है।

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