फसली ऋण माफी से भी बड़ा है समर्थन मूल्य पर पूरे गेहूं की खरीद का फैसला

Rishi MishraRishi Mishra   5 April 2017 8:47 PM GMT

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फसली ऋण माफी से भी बड़ा है समर्थन मूल्य पर पूरे गेहूं की खरीद का फैसलायूपी सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों के सारे गेहूं को समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है

लखनऊ। ‘दो साल में उत्तर प्रदेश के गाँवों की तस्वीर बदल जाएगी। पलायन रुकेगा। खेती का रकबा बढ़ेगा। पूरे देश को यूपी मॉडल अपनाने पर मजबूर होना पड़ेगा।’ प्रख्यात कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का ये दावा है।

अपने पूरे अनुभव और तटस्थता की कसौटी पर उन्होंने उत्तर प्रदेश कैबिनेट में किसानों के सारे गेहूं को समर्थन मूल्य पर खरीदने के फैसले को कसा है। उनका कहना है कि, अगले दो साल तक अगर समर्थन मूल्य पर किसानों का सारा गेहूं खरीद लिया तो ये फैसला पूरे देश के लिए एक मिसाल होगा। आगे इस फैसले को अगर अन्य फसलों पर लागू किया गया तब बेहतर परिणाम बढ़ते जाएंगे।

पूरे देश के लिए ये फैसला एक मिसाल बनेगा। धीरे-धीरे यूपी मॉडल अपनाने को लेकर पूरे देश में मांग उठेगी। सरकारों पर ये दबाव होगा कि इस व्यवस्था को लागू किया जाए जिससे कृषि क्षेत्र में एक क्रांति हो जाएगी। योगी आदित्यनाथ की इस दिशा में नीयत पूरी तरह से साफ लगती है। किसानों को भुगतान सीधे अकाउंट में भेजा जाएगा, जिससे बिचौलियों का खतरा भी खत्म होगा।
देविंदर शर्मा, कृषि विशेषज्ञ

देविंदर शर्मा की ये राय केवल उन तक ही सीमित नहीं है, सामान्य किसान भी इसको बेहतर मांग रहे हैं। पिछली सरकार में मात्र आठ लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद सरकार ने समर्थन मूल्य पर की थी जबकि वर्तमान सरकार 85 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सीधी खरीद की तैयारी में है।

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हरदोई के किसान मनीष सिंह बताते हैं, ‘ये इतना बड़ा फैसला किसानों के हक़ में योगी सरकार का है जो कर्ज माफी के फ़ैसले के आगे दब सा गया। उत्तर प्रदेश के इतिहास में आज तक इतनी बड़ी तादाद में ख़रीद का फैसला कभी नहीं हुआ जिससे किसान दूसरी फसल उगाने के प्रति लालायित नहीं होंगे। किसान खुशहाल होंगे। ये फ़ैसला किसानों के हालात बदलने में निर्णायक साबित होगा।’

कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का मानना है कि इससे यूपी के गाँवों की तस्वीर बदल जाएगी (फोटो: विनय गुप्ता)

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रुकेगा गाँव में पलायन

उत्तर प्रदेश की सरकार जिस लोककल्याण संकल्प पत्र को सामने रख कर काम कर रही है, उसका एक बहुत बड़ा मुद्दा गाँव से पलायन को रोकना है। किसान नेता शेखर दीक्षित का कहना है कि, ‘सरकार अगर पलायन रोकना चाहती है और किसानों को मजबूत करना चाहती है तब उसको समर्थन मूल्य पर शत प्रतिशत खरीद सुनिश्चित करनी पड़ेगी। मैं जानता हूं कि बिचौलियों की वजह से किसान कितने बेहाल रहे हैं। उनको समर्थन मूल्य से 40 फीसदी तक भी फसल बेच कर लागत निकालनी पड़ी है। किसान की फसल अगर सरकार सीधे खरीदेगी तो उसको फायदा जरूर होगा मगर व्यवस्था पूरी ईमानदारी से लागू करना एक चुनौती होगी।’

पूरे देश के लिए आदर्श बन जाएगा यूपी

कृषि विशेषज्ञ दिवेंदर शर्मा बताते हैं, ‘पूरे देश के लिए ये फैसला एक मिसाल बनेगा। धीरे-धीरे यूपी मॉडल अपनाने को लेकर पूरे देश में मांग उठेगी। सरकारों पर ये दबाव होगा कि इस व्यवस्था को लागू किया जाए जिससे कृषि क्षेत्र में एक क्रांति हो जाएगी। योगी आदित्यनाथ की इस दिशा में नीयत पूरी तरह से साफ लगती है। किसानों को भुगतान सीधे अकाउंट में भेजा जाएगा, जिससे बिचौलियों का खतरा भी खत्म होगा।’

       

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