चंबल वन्य जीव विहार में होगा 300 पक्षी प्रजातियों का संरक्षण

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चंबल वन्य जीव विहार में होगा 300 पक्षी प्रजातियों का संरक्षणगाँव कनेक्शन

बाह (आगरा)। ब्रिटेन से पहली बार भारत आई बर्ड आर्टिस्ट जैकी गार्नर (35 वर्ष) को एकसाथ 15 नए पक्षियों के बारे में पता चला, जिन्हें वो पहले नहीं जानती थी। उत्तरप्रदेश सरकार ने प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ाते हुए आगरा के जरार गाँव में बर्ड फेस्टिवल 2015 का आयोजन किया, जिसमें जैकी की तरह सैकड़ों लोगों ने तरह-तरह के पक्षियों के बारे में जाना।

तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिवल का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके लिए पर्यावरण से जुड़े कार्यक्रमों को लगातार बढ़ावा दिया जाएगा। वर्तमान में पक्षियों को संरक्षित करने की ज़रूरत है इसलिए सरकार द्वारा यह प्रयास किया गया है।"

समारोह में बर्ड ऑफ उत्तरप्रदेश नामक किताब का विमोचन व दुर्लभ पक्षियों की फ़ोटो गैलरी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ साथ स्कूली बच्चों ने कई पक्षियों के बारे में जाना। आगरा के शांति निकेतन स्कूल से आई 9वीं कक्षा की छात्रा शिवानी सिंह कार्यक्रम के बारे में बताती हैं, "गाँव में हमारी छत पर अक्सर भूरे रंग की कई चिडिय़ां बैठती हैं, मैंने आज यहां पर लगाई गयी प्रदशर्नी में उस चिडिय़ा के बारे में जाना, उसका नाम जंगल ब्लेबर है।"

समारोह में मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की भौगोलिक जलवायु विविधता के कारण प्रदेश पक्षियों की दृष्टि से ज़्यादा समृद्ध है तथा धरती पर पाई जाने वाली लगभग 10 हज़ार पक्षी प्रजातियों में से 1200 से अधिक प्रजातियां हमारे देश में तथा लगभग 500 पक्षी प्रजातियां हमारे प्रदेश में पाई जाती हैं, जिसमें अकेले राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव विहार में देशी एवं प्रवासी पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।

प्रदेश में बढ़ रहे पक्षियों के दायरे के बारे में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया, "प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश पक्षी संरक्षण व विकास के मामले में पहले नंबर पर है। आगरा के चंबल सफारी की तरह ही हम प्रदेश के अलग अलग जिलों में पक्षी संरक्षण के लिए ऐसे ही प्रयास करते रहेंगे।"

जहां एक ओर चंबल वन्य जीव विहार खुलने से प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या बढ़ेगी वहीं दूसरी तरफ चंबल नदी के किनारे बसे जरार व भरेरा जैसे गाँवों में रहने वाले लोगों को नए रोज़गार मिल पाएंगे। आगरा के जरेरा गाँव में 12वीं कक्षा में पढ़ रहे दिनेश भदोरिया (17 वर्ष) के पिता टैंपों चलाते हैं। दिनेश बताता है, "गाँव में बर्ड सेंचुरी खुलने से हमें रोज़गार मिलेगा। यहां रहने वाले काफी लोग गाड़ी चलाते हैं। सेंचुरी खुलने से यहां ज्यादा लोग आएंगे जिससे अच्छी कमाई होगी।" 

चंबल के बीहड़ में चंबल बर्ड वॉचिंग का लुफ्त अब यहां आने वाले सैलानी साइकिल पर भी ले सकेंगे। प्रदेश सरकार चंबल के रास्ते आगरा से इटावा लॉयन सफारी तक साइकिल ट्रैक बनवाने जा रही है। इसका रास्ता आगरा से चंबल नदी किनारे होते हुए इटावा तक जाएगा। इस ट्रैक को ईको टूरिज्म साइकिल ट्रैक का नाम दिया जाएगा। 

इंटरनेश्नल बर्ड फेस्टिवल में प्रदेश सरकार तथा बर्ड लाइफ  इंटरनेशनल के पक्षी वैज्ञानिक टिम एपिल्टन एवं जिम लॉरेन्स के बीच प्रदेश में पक्षी संरक्षण हेतु सहमति पत्र हस्ताक्षरित किए गए। इस मौके पर अखिलेश यादव ने बताया, "चंबल सफारी में पर्यटकों को ध्यान में रखकर साइकिल ट्रैक का निर्माण करवाया जाएगा। यहां बर्ड वॉचिंग के अलावा घडिय़ाल, मगरमच्छ, कछुओं व 300 से अधिक प्रजातियों की चिडिय़ा और लॉयन सफारी में शेर देखने को मिलेंगे।"

पक्षियों का महत्व बताते हुए सीएम अखिलेश यादव ने कहा, "युवा पीढ़ी पक्षियों का महत्व अच्छी तरह से जानते हैं, अगर उन्होंने फिल्म मैंने प्यार किया देखी होगी तो वो जानते होंगे कि, जो जितना पक्षियों के करीब होगा, उतना ही वह खुश रहेगा।"        

 

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