'2019 तक यूपी का हर घर होगा रौशन'

Arvind ShukklaArvind Shukkla   8 April 2016 5:30 AM GMT

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2019  तक यूपी का हर घर होगा रौशनgaonconnection

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली की किल्लत के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 2019 तक यूपी के हर घर में बिजली पहुंचा दी जाएगी। देश में बिजली की कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश जितना चाहे उतनी बिजली खरीद सकता है। 

लखनऊ में जिला विद्युत अभियंताओं के पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ करते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा, 'प्रदेश में बिजली की व्यवस्था इसलिए बिगड़ी क्योंकि यहां कोई काम नहीं हुआ था। 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद केंद्र ने ग्रामीण विद्युतीकरण के काम को शुरू कर आगे बढ़ाया।' आंकड़ों का हवाला देते हुए पीयूष गोयल ने कहा, '1 अप्रैल 2015 से 1 अप्रैल 2016 तक हम लोग 1313 गांवों तक बिजली पहुंचा में कामयाब रहे हैं। जबकि 2012 से 2013 के बीच यूपी में सिर्फ तीन गांवों का विद्युतीकरण किया गया और 2013-2014 के बीच एक भी गांव को बिजली से नहीं जोड़ा गया था।'

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्यह में विद्युतीकरण के काम पर अब नजर रखी जाएगी। इसके लिए एक हजार जिला विद्युत अभियंताओं की नियुक्ति की गई है। ये बिजली इंजीनियर हर महीने समीक्षा कर केंद्र को रिपोर्ट भेजेंगे। जिला विद्युत कमेटी की लखनऊ में सफलता को देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है साथ ही इस कमेटी के अधिकार भी बढ़ाए जा रहे हैं। हर जिले की कमेटी के साथ एक ग्रामीण अभियंता रखा जाएगा जो केंद्र और ग्रामीणों के बीच सेतू का काम करेगा। कहां ट्रांसफार्मर और खंभा पहुंचा कहां नहीं, गांव के लोगों की दिक्कतें और उनके सुझाव सबको ये अभियंता एक ऐप में फीड करेंगे, जिसे 'गर्व' नाम दिया गया है। ऐप में ग्रामीण अभियंता फोटो भी डालेंगे और हर दिन, हर गाँव का ब्योरा अपडेट करेंगे। खुद गांव के लोग भी इस एप को अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड कर अपने गाँव और इलाके में बिजली की व्यवस्था और कार्यप्रणाली पर नजर रख सकते हैं। उन्होंने मीडिया से कहा अगर ये अभियंता और दूसरे अधिकारी गलती करते हैं तो उसके हमें रिपोर्ट जरूर करें। उन्होंने सांसदों से अपील कि वो अपने क्षेत्र में बिजली के काम पर समिति के माध्यम से नजर रखें और काम को आगे बढ़ाएं। एक सवाल के जवाब में उन्हों्ने बताया कि दीनदयाल उपाध्या य ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत यूपी को सबसे ज्या दा करीब 6000 करोड़ के प्रोजेक्टण दिए गए हैं। इंट्रीग्रेटेड पावर स्कीम के तहत 5,651 करोड़ रुपये के नए प्रोजेक्ट के तहत आवंटित किए गए। राज्य सरकार अगर इन्हें जल्द से लागू कर दे तो बिजली और सुलभ हो जाएगी।

एप से रखिए बिजली पर नजर

एक सवाल के जवाब ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश में बिजली की वैसे कोई कमी नहीं है। यूपी चाहे तो पावर एक्सजेंस से बिजली खरीद सकता है। देश में कितनी बिजली है और किस दर पर उपलब्ध है इस पर नजर रखने के लिए विद्युत प्रवाह एप बनाया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि शुक्रवार दोपहर 02:41 बजे विद्युत प्रवाह में 3.17 रुपये का रेट है, कल (बृहस्पतिवार) को इस टाइम रेट 3.27 रुपये था। राज्य ने रिपोर्ट दी है कि पीक ऑवर (सुबह-शाम) में कमी जीरो है। राज्य ने ये भी बताया कि दिनभर में 20 मिलियन की शार्टफॉल थी। लेकिन राज्य ने बिजली जीरो मेगावाट खरीदी, तो अगर बिजली की किल्लत थी तो राज्य को खरीदना चाहिए। इस तरह की कमी होने पर जनता एप के माध्यम से जानकारी कर सवाल पूछ सकती है।

'गर्व' और 'ग्रामीण अभियंता' ला रहे गाँवों में रोशनी

जिन राजस्व गांवों में बिजली नहीं थी और वहां दीनदयाल उपाध्याय योजना के काम शुरू किया गया, जो वहां कि निगरानी के लिए सितंबर 2015 में 303 ग्रामीण अभियंताओं की नियुक्ति की गई। शुरू में ये लोग लखनऊ के आसपास ही थे लेकिन अब पूरे प्रदेश में 1000 ग्रामीण अभियंता रखे जाएंगे। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर चुके इन अभियंताओं को 25,000 रुपये सैलरी दी जा रही है। अभियंता नीरज विश्वकर्मा बताते हैं, 'हम लोग गांव में चल रहे बिजली के काम की रिपोर्ट गर्व एप पर अपडेट करते हैं। काम चाहे डिस्कॉम करा रहा हो या कोई कंपनी हम उसपर नजर रखते हैं। इस गर्व एप का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रसेल्स में भी किया था।

एप और उनका फायदा 

गर्व- किस गाँव में कितना काम हुआ, किस गुणवत्ता के उपकरण लगाए जा रहे हैं। मोबाइल पर मिनटों में जानिए। लगातार अपडेट होता रहता है एप। ग्रामीण अभियंता देते हैं सूचनाएं। गाँव के लोगों के लिए मददगार।

विद्युत प्रवाह- देश में किस वक्त कितनी बिजली उपलब्ध है। उसका रेट है। उत्तर प्रदेश में बिजली की खपत कितनी है, और राज्य कितनी बिजली पावर एक्सचेंज से ले रहा है। एप से पारदर्शिता आएगी। राज्य यह नहीं कह सकते हैं कि बिजली कम थी इसलिए हो रही है कटौती। जनता मांग सकती है जवाब।

 

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