'सरकार' गाँव पहुंची तो बढ़ा ग्रामीणों का भरोसा

Arvind ShukklaArvind Shukkla   24 Dec 2015 5:30 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
सरकार गाँव पहुंची तो बढ़ा ग्रामीणों का भरोसागाँव कनेक्शन

बछलनपुरवा (बाराबंकी)। करीब 13 डिग्री के आसपास तापमान और ठिठुरन के बीच घाघरा की तराई में बसे बछलनपुरवा गाँव के बदलू (50 वर्ष) रात के 10:30 बजे गाँव के खड़ंजे पर टहल रहे थे। अमूमन इतने इस समय तक वो रजाई में होते थे। लेकिन आज सरसराती हवा में भी बदलू उम्मीद की गर्मी में जाग रहे थे। आखिर पहली बार 'सरकार' चलकर उनके गाँव जो आई थी।

गाँव के लोगों की मुश्किलों को करीब से समझने और विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र मंगलवार की रात दल-बल के साथ रात्रि प्रवास के लिए बछलनपुरवा पहुंचे थे। शाम के करीब साढ़े छह बजे जिलाधिकारी के पहुंचते ही आसपास के दर्जनों गाँव के लोग मौके पर पहुंच गए। जिलाधिकारी ने कागज़ पर लिखकर लाई गई करीब डेढ़ दर्जन शिकायतों को तो सुलझाया ही मौखिक में फरियाद करने वाले लोगों की भी समस्याओं को मौके पर निष्तारण किया।

गाँव में बिजली का न आना, नदी के पास बने बंधे पर चढ़ने के लिए रास्ते का ना होना, बदहाल संपर्क मार्ग और पेंशन की दिक्कते लोगों ने अधिकारियों के सामने रखीं। गांव के शोभाराम (65 वर्ष) ने बताया, "घाघरा से बचाने के लिए बंधा तो बना दिया गया लेकिन हमारे खेत उस पार भी है। गन्ने से भरे ट्रैक्टर चढ़ाना मुश्किल हो जाता है। बंधे पर सपाट रोड (रैंप) बनाने की मांग रखी थी, जिसे डीएम साहब ने मान लिया है।" 

कोठरी गौरिया समेत इलाके के कई गाँव बाढ़ प्रभावित है। बरसात के दिनों में बिजली नहीं आती है, लेकिन बिल आ रहे थे इस पर मिली विनय शुक्ला (30 वर्ष) ने बताया, "पंचायत में छह पुरवा है। इनमें से तीन बंधे के उस पार हैं, जहां बाढ़ के दौरान लाइट काट दी जाती थी, लेकिन बिल आ रहा था। हम लोगों ने इसकी शिकायत की।" लोगों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने न सिर्फ बिजली विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई। एसडीओ को बिल समायोजन के निर्देश देने के साथ ही उन्हें मिली कई शिकायतों पर आचरण सुधारने की भी चेतावनी दी।

जिला मुख्यालय से करीब करीब 70 किलोमीटर दूर पूरब दिशा में डीएम के पहुंचने की खबर लोगों को उसी दिन सुबह चली। हालांकि स्कूल की रंगाई-पुताई देखकर लग रहा था कि स्थानीय अधिकारी काफी पहले से गलतियां छिपाने में जुटे हुए थे।

चौपाल के दौरान आसापास के कई गाँवों के करीब 400 लोग मौजूद थे। हालांकि शिकायत करने वाले लोग काफी कम थे। अधिकांश लोग इस बात से ही खुश थे कि सरकार उनके गाँव आई है। डीएम के सामने की पांचवी कुर्सी पर बैठे बुजुर्ग संतराम (60 वर्ष) से जब 'गाँव कनेक्शन' ने उनसे समस्या पूछी तो गले में लिपटा कंबल हटाते हुए बोले, सरकार (डीएम) जब खुद ही गाँव आ गए हैं तो अब का शिकायत। वो इतने ज्ञानी है। सब कुछ देख रहे हैं। यही बहुत है।"

चौपाल के बाद रात को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने कहा, "जनता और प्रशासन के बीच जब संवाद होता है, तो उसके हमेशा बेहतर रिजल्ट सामने आते हैं। हम लोग (अधिकारी) गाँव तो जाते रहे हैं, लेकिन इस तरह से वक्त बिताने से लोगों का भरोसा बढ़ता है। आज की चौपाल में शिकायतों से ज्यादा सुझाव थे, जिन्हें मान लिया गया है।"

डीएम आगे बताते हैं, "बांध पर चार रैंप बनाने की मांग हुई थी, मनरेगा के तहत दो बनाने के तुरंत आदेश दे दिए गए हैं। जो कॉलोनियां अधूरी थी वो पूरी होंगी। गाँव में संपर्क मार्ग पर भी प्रस्ताव मांगा है। बाकी समस्याएं भी 10 से 12 दिन में सुलझ जाएंगी।"

गाँव के प्राइमरी स्कूल में अधिकारियों के रुकने का इंतजाम किया गया था। अधिकारियों के रुकने से लेकर खाने पीने तक के इंतजाम की व्यवस्था खुद गरिमा स्वरूप (एसडीएम, सिरौली गौसपुर) ने संभाल रखी थी। डीएम समेत सभी दूसरे अधिकारियों से गाँव के लोग नि:संकोच मिल रहे थे।

रात्रि प्रवास और इस तरह दलबल के साथ सुदूर गाँव पहुंचने से प्रशासन को रहे फायदे का सवाल पूछने पर डीएम ने बताया, "अभी तक लोग अपनी समस्याएं लेकर मुख्यालय पहुंचते थे और अधिकारियों से मिलते थे, अब अधिकारी खुद उनके बीच पहुंच रहे हैं। दूसरा, जब जिले के अधिकारी एक्टिव (काम कर रहे होते हैं) होते हैं जो तहसील और ब्लॉक के अधिकारी अपने आप हरकत में आ जाते हैं, अधिकांश समस्याएं ऐसे ही सुलझ जाती हैं। हम शीतकाल में ऐसे जिले के हर कोने के 10 से 12 गाँवों में चौपाल लगाएंगे।"

कोठरी गौरिया को क्या-क्या मिला

  • बछलनपुरव का मुख्य मार्ग तक संपर्क मार्ग बनेगा।
  • घाघरा के बंधे पर दो रैंप बनाए जाएंगे।
  • गाँव में अधूरे पड़े 40 गाँव आवास जल्द पूरे होंगे। 
  • ग्राम पंचायत में पंचायत भवन बनेगा।
  • बाढ़ के दौरान बिजली कटने पर आने वाला बिल नहीं देना होगा।
  • पेंशन और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं के लिए लगेगा कैंप।

और चमकेगा बबुरी गाँव                 

बबुरी (देवां)। सिरौली गौसपुर तहसील के गाँव कोठरी गौरिया के बछलनपुरवा में रात्रि चौपाल के बाद डीएम दूसरे दिन बुधवार को देवा ब्लॉक के बबुरी गाँव पहुंचे। जिलाधिकारी ने यहां भी न सिर्फ  विकास कार्यों का जाजया लिया बल्कि मौके पर जाकर उनकी सत्यता भी परखी। इस दौरान लोगों इंदिरा आवास, हैंडपंप, सीसी रोड, स्कूलों में अव्यवस्था और बिजली की समस्या रखी, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।

रिपोर्टिंग सहयोग - सतीश कश्यप 

फोटो : अभिषेक वर्मा 

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.