'स्टार्ट-अप इंडिया' और असहिष्णुता एक साथ नहीं हो सकते: राहुल गाँधी

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स्टार्ट-अप इंडिया और असहिष्णुता एक साथ नहीं हो सकते: राहुल गाँधीगाँव कनेक्शन

लखनऊ। राहुल गाँधी ने नरेंद्र मोदी की महात्वाकांक्षी योजना 'स्टार्ट-अप इंडिया' पर प्रहार करते हुए कहा कि स्टार्ट-अप और असहिष्णुता पर एक साथ जोर नहीं दिया जा सकता।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि आरएसएस की भारत के बारे में सोच बहुत रूढ़िवादी है, जबकि स्टार्ट-अप के लिए खुले विचारों का माहौल चाहिए होता है।

''सत्ता पर काबिज़ लोग, खासकर आरएसएस का इस बारे में विचार बहुत साफ है कि दुनिया कैसी होनी चाहिए। उनकी भारत को लेकर एक सोच है जो कि मेरे हिसाब से बहुत रूढ़िवादी है। इस देश को लचीलेपन, खुलेपन की आवश्यकता है जहां नए विचार पनप सकें," राहुल ने मुम्बई के विलेपार्ले के एक मेनेजमेंट स्कूल में छात्रों से बातचीत करते हुए कहा।

''अगर आप असहिष्णु हैं तो यह कहने में बहुत विरोधाभास है कि मैं स्टार्ट-अप चाहता हूं। आप अर्थव्यवस्था और स्टार्ट-अप के पक्ष में विफल रहेंगे अगर आप असहिष्णु हैं," गाँधी ने कहा। 

राहुल गाँधी ने कहा, ''बीजेपी ने श्रेणियां बांट रखी हैं: उनके लिए एक हिंदू है, एक मुल्लिम है, एक महिला है। मैं इन श्रेणियों से इत्तेफाक नहीं रखता। यही उनके और हमारे बीच अंतर है।"

राहुल ने बच्चों को सलाह दी कि इंसानों, चीज़ों और उद्योगों पर लेबल मत लगाओ।

भारत कैसे स्टार्ट-अप को एक अच्छा माहौल उपलब्ध करा सकता है ये पूछे जाने पर राहुल गाँधी ने कहा, ''लाल-फीताशाही को खत्म करना होगा। स्टार्ट-अप के लिए एक ऐसे माहौल की ज़रूरत होती है जो उद्यमियों को, अधारभूत ढांचे को बिना रोक-टोक बढऩे का अवसर दे।"

 

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