‘उग्रवादियों को राजनैतिक संरक्षण नहीं’

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‘उग्रवादियों को राजनैतिक संरक्षण नहीं’gaonconnection

नई दिल्ली/लखनऊ। मथुरा में पुलिस पर हुए बर्बर हमले और उससे जुड़े घटनाक्रम पर सर्वोच्च न्यायालय आज एक जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा। इस बीच लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने इस आरोप को ख़ारिज कर दिया कि जवाहर बाग़ नाम की उद्यान विभाग की 280 एकड़ की सरकारी ज़मीन पर दो वर्षों से जबरन काबिज़ हजारों उग्रवादियों को किसी तरह का राजनैतिक संरक्षण प्राप्त था।

सोमवार को ही उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया और केंद्र को एक रिपोर्ट में कहा कि पुलिस बल खतरों का सही अंदाज़ा नहीं लगा पाया था। इस खूनी झड़प में दो पुलिस अफसरों समेत 29 लोगों की मृत्यु हो गयी।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गये ट्वीट में कहा “निर्देश- मथुरा के डीएम और एसएसपी का तबादला कर दिया गया है। नये अधिकारियों की तैनाती जल्द होगी।”  इस बीच गृह विभाग ने जालौन के एसएसपी बबलू कुमार को मथुरा का नया एसएसपी बनाया है। वह राकेश सिंह का स्थान लेंगे, जिन्हें पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। वहीं निखिल चन्द्र शुक्ला मथुरा के नए डीएम होंगे।  

नयी दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति अमिताव राय की एक अवकाश पीठ ने मामले को आज (मंगलवार को) सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था। याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय के लिए पेश हुईं अधिवक्ता जायसवाल ने कहा कि घटना की शुरूआत से ही सबूत नष्ट किए जा रहे हैं और करीब 200 वाहन पहले ही जलाए जा चुके हैं। इधर गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में राज्य सरकार ने कहा है कि पुलिस वहां के हालात समझने में नाकामयाब रही।

पुलिस को यहां बिना किसी तैयारी के कार्रवाई करनी पड़ी। रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां आरोपियों के पास भारी मात्रा में हथियार थे। जवाहर बाग़ से हजारों की भीड़ को हटाने का अभियान पिछले हफ्ते आये इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू किया गया था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उग्रवादियों की नक्सलवादियों से सम्बन्ध होने का भी शक ज़ाहिर किया जा रहा है। इस मुद्दे पर सोमवार को समाजवादी पार्टी ने केंद्र पर पलटवार किया और नक्सलवादियों की कथित मौजूदगी की सूचना राज्य सरकार से साझा ना करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के इस्तीफे की मांग की।

सपा के वरिष्ठ नेता अम्बिका चौधरी ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि भाजपा अपने पुराने चरित्र के मुताबिक ‘लाशों पर राजनीति’ कर रही है। “बताया जा रहा है कि जवाहरबाग में झारखण्ड, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश और उडीसा से आये नक्सलवादी रह रहे थे। जाहिर है कि केंद्र के खुफिया तंत्र को भी यह मालूम होगा। आखिर उसने यह जानकारी राज्य सरकार के साथ क्यों साझा नहीं की? इस नाते केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को इस्तीफा देना चाहिये।”

 

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