1 मार्च से यूपी के सभी 75 ज़िलों में मिलेगा सस्ता अनाज

Shrivats AwasthiShrivats Awasthi   23 Feb 2016 5:30 AM GMT

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1 मार्च से यूपी के सभी 75 ज़िलों में मिलेगा सस्ता अनाजgaon connection, गाँव कनेक्शन

श्रीवत्स अवस्थी

लखनऊ। पहले चरण में प्रदेश के 28 जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने के बाद अब दूसरे चरण में प्रदेश के 47 जिलों में इस अधिनियम को लागू करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।

सस्ती कीमत पर मिलेगा अनाज

राशन की दुकानों पर अनाज पहुंचाने के साथ ही राशनकार्ड आवंटन भी किया जा रहा है। दूसरे चरण में 47 ज़िलों में खाद्य अधिनियम लागू होते ही प्रदेश के सभी जिले खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आ जाएंगे। योजना के दायरे में आने वाले लोगों को 3 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से चावल और दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं मिलेगा।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की 80 फीसदी आबादी और शहरों की 65 फीसदी आबादी को इस योजना के तहत चुना गया है।

प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को पहले चरण में 28 ज़िलों में 1 जनवरी को लागू कर दिया गया था।

प्रदेश सरकार ने बनाई नई श्रेणी

अपर आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग एके सिंह ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम में अंत्योदय श्रेणी के लाभार्थियों को पहले की तरह ही 35 किलो अनाज दिया जाएगा। साथ ही बीपीएल और एपीएल श्रेणी की जगह नई श्रेणी प्रायोरिटी हाउसहोल्ड बनाई गई है।

इस श्रेणी के लाभार्थियों को 3 रुपए किलोग्राम की दर से 25 किलो चावल, 2 रुपए की दर से 10 किलो गेहूं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र में पात्रों का चयन लगभग पूरा हो चुका है। साथ ही सभी जिलों में अनाज की सप्लाई भी कराई जा रही है। जिससे खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होते ही लाभार्थियों को अनाज मुहैया कराया जा सकेगा।

3 करोड़ लोगों को होगा फायदा

खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश के 40 लाख अंत्योदय कार्ड धारक और प्रायोरिटी हाउसहोल्ड के दो करोड़ 61 लाख परिवार को इस अधिनियम का फायदा मिलेगा।

अनाज रखने में आ रही है दिक्कत

1 मार्च से 47 जिलों में लागू हो रहे खाद्य सुरक्षा योजना के अनाज को रखने में कोटेदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों में खुली राशन की दुकानों में कोटेदार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अनाज नहीं रख पा रहे हैं। कोटेदारों का कहना है कि उनकी दुकानें छोटी हैं, पहले जितना राशन आता था खाद्य सुरक्षा योजना में उससे तीन से चार गुना अधिक राशन आ रहा है। ऐसे में उनके पास इस अनाज रखने में मुश्किलें आ रही हैं। वहीं किसी दूसरी जगह पर राशन रखने पर वह कालाबाजारी करने के आरोप से घिर जाते हैं।

राशन आवंटन की पहले से चल रही व्यवस्था में हर राशन कार्ड पर 4-7 किलो अनाज बांटा जाता है। ऐसे में 500 राशन कार्ड वाली दुकान में तीस क्विंटल तक राशन रखने की जगह होती थी और कोटेदार राशन के हिसाब से ही दुकान भी किराए पर लेता था। लेकिन अब खाद्य सुरक्षा योजना के तहत हर यूनिट पर 5 किलो राशन दिया जाना है। वहीं एक कार्ड पर औसतन चार से पांच यूनिट हैं। जिससे एक कार्ड पर बीस किलो से अधिक ही राशन दिया जाएगा। वहीं 300 कार्ड वाली दुकान पर राशन 120 क्विंटल से अधिक पहुंचेगा। तीन से चार गुना खाद्यान बढ़ने से राशन की दुकानों में बोरे में रखने की समस्या खड़ी हो रही है।

शिकायत भी सुनेंगे अफसर

1 मार्च को लागू होने वाले राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शिकायत प्रकोष्ठ का भी गठन किया जाएगा। बिल लागू होने के बाद राशन मिलने में दिक्कत आने पर लोग सीधे प्रकोष्ठ में शिकायत दर्ज करा सकेंगे। डीएसओ सी के ओझा ने जानकारी देते हुए बताया कि एक मार्च को एनएफएसए लागू होने के बाद जिन लोगों को राशन मिलने में परेशानी आती है वह शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

 

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