68 गाँवों को डूबने से बचाने के लिए अनशन

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68 गाँवों को डूबने से बचाने के लिए अनशनगाँव कनेक्शन

बहराइच। सरयू नदी पर बांध बनाये जाने के विरोध में आमरण अनशन पर बैठीं भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले की तबीयत बिगड़ने के बाद प्रशासन ने उनकी सभी मांगें मानने का आश्वासन देकर भूख हड़ताल खत्म करा दी।

भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम करन टेकड़ीवाल ने बताया कि बुधवार की शाम अनशन के करीब 30 घंटे बाद सांसद के तीसरी बार बेहोश होने पर नानपारा तहसील के उपजिलाधिकारी अमिताभ यादव जिलाधिकारी का संदेश लेकर अनशन स्थल पर पहुंचे और उन्होंने सांसद तथा प्रदर्शनकारियों की मांगें माने जाने का आश्वासन दिया।

टेकड़ीवाल ने बताया कि अनशन तोड़ने से पहले सांसद की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। उनका रक्तचाप 90:40 हो गया था। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि तटबंध निर्माण के लिए एक तकनीकी टीम गठित कर ग्रामीणों को भरोसे में लेकर ही निर्माण शुरू होगा। फिलहाल प्रशासन ने तटबंध निर्माण कार्य रुकवा दिया है। प्रशासन ने ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमे में भी कार्रवाई नहीं करने की बात कही है।

ये था मामला

सरयू नदी पर बने चौधरी चरण सिंह गोपिया बैराज की सुरक्षा के लिए बनने वाले 11 किलोमीटर लम्बे बांध के निर्माण पर ग्रामीणों का आरोप था कि बांध निर्माण की वजह से बाढ़ आने पर 68 गांव जलमग्न हो जाएंगे। बांध निर्माण का विरोध करने पर 82 ग्रामीणों के खिलाफ सिंचाई विभाग ने गम्भीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। बांध बनाने के लिये प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की सहमति लेने और उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर सांसद सावित्री बाई फूले गत सोमवार से गोपिया बैराज पर आमरण अनशन पर बैठी थीं।

 

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