Lok Sabha Elections 2019: वाराणसी से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द

तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे

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लखनऊ। वाराणसी से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी तेज बहादुर यादव का नामांकन रद्द हो गया है। जिला चुनाव अधिकारी ने उनकी ओर से दाखिल दो नामांकन पत्रों में विसंगतियों का जिक्र करते हुए उन्हें नोटिस भेजा था। तेज बहादुर यादव ने इस नोटिस का जवाब दिया था लेकिन जिला चुनाव अधिकारी उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उनका नामांकन रद्द हो गया। तेज बहादुर यादव ने कहा कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

नामांकन रद्द होने की खबरों के बीच बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। तेज बहादुर यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि बीजेपी पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने से उन्हें रोकने के लिए उनके नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया में रोड़े अटका रही है।

चुनाव अधिकारी से मिली नोटिस पर तेज बहादुर ने मीडिया में कहा था, "मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 24 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल किया था और सपा के उम्मीदवार के तौर पर 29 अप्रैल को नामांकन किया। अगर नामांकनों में कोई दिक्कत थी तो मुझे पहले इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई? कम समय बचा होने के बावजूद मेरी कानूनी टीम चुनाव अधिकारी को पूरी जानकारी दे रही है।"

तेज बहादुर ने कहा, मुझे चुनाव लड़ने से इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि देश का नकली चौकीदार असली चौकीदार से भयभीत है। वहीं सपा के उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि तेज बहादुर को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह किसानों और जवानों की आकांक्षाओं और चिंताओं का प्रतिनिधत्वि करते हैं। उन्हें वाराणसी में लोगों का जो समर्थन मिल रहा है उससे बीजेपी भयभीत है। गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव ने सैनिकों को खराब भोजन परोसे जाने का आरोप लगाते हुए उसका वीडियो वायरल कर दिया था जिसके बाद उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।

इसके बाद वह लगातार पीएम मोदी और मोदी सरकार के खिलाफ मुखर थे। इसलिए उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा था। हालांकि बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के बाद तेज बहादुर यादव को गठबंधन का टिकट दिया गया था।

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