यूपी विधानसभा चुनाव में युवाओं का 'हल्लाबोल, कहा- बेरोजगार युवा तय करेंगे सत्ता

यूपी के विधानसभा चुनावों में युवाओं, बेरोजगारों, संविदाकर्मियों के मुद्दे को मुख्य धारा में लाने के लिए युवाओं के संगठन युवा हल्ला बोल ने ‘युवाओं की यूपी’ कैंपेन लांच की है। साथ ही एक डॉक्यूमेंट भी जारी किया है,जिसमें सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए 22 सवाल हैं।

Arvind ShuklaArvind Shukla   10 Dec 2021 1:54 PM GMT

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लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। साल 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों, पेपर लीक, रेलवे भर्ती से लेकर शिक्षकों की भर्ती का मुद्दा जोर-शोर से सुनाई दे सकता है। युवाओं के संगठन युवा हल्ला बोल ने चुनावों को लेकर युवाओं की यूपी कैंपैन लॉन्च की है और सरकार से 22 सवाल पूछे हैं, इसके साथ ही विपक्ष का भी युवाओं का लेकर ब्लू प्रिंट पूछा गया है।

"बेरोजगार युवाओं को समझ आ गया है कि सिर्फ चिट्ठी पत्री, धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन से काम नहीं चलेगा। ये राजनीतिक पार्टियां हैं उन्हें सिर्फ चिंता अपनी कुर्सी की होती है। इसलिए यूपी के युवा तय करेंगे कि सत्ता किसके हाथ में जाए।" युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने कहा।

अनपुम ने आगे कहा, "प्रदेश के शिक्षित युवाओं ने हर जतन करके देखा है। सरकार से गुहार लगाई। चिट्ठी लिखी, कोर्ट गए, प्रदर्शन किया। आज भी लखनऊ से लेकर इलाहाबाद तक किसी न किसी चौराहे पर किसी न किसी भर्ती के सताए युवा प्रदर्शन करते अपने हक की लड़ाई लड़ते मिल जाएंगे। इसलिए अब युवाओं ने तय किया है कि वो चुनाव में अपनी ताकत दिखाएंगे।"

लखनऊ के प्रेस क्लब में युवाओं की यूपी कैंपेन लॉन्च करती युवा हल्ला बोल की टीम। फोटो- यश सचदेव

"सरकार से सवाल तो विपक्ष से मांगे युवाओं और बेरोजगारों को लेकर उनका ब्लू प्रिंट"

लखनऊ में "युवाओं की यूपी" कंपेन की शुरुआत करते हुए बेरोजगार युवाओं के अराजनैतिक संगठन हल्ला बोल के अध्यक्ष ने कहा कि युवा सत्ता पक्ष से तो इस चुनाव में सवाल पूछेंगे ही विपक्ष से भी उनका रोड मैप ब्लू प्रिंट जानना चाहेंगे कि कि वो उनके दर्द को कितना समझते हैं या फिर वो भी सत्ता में आने के बाद वैसा ही व्यवहार करेंगे।

अनुपम ने कहा, "योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के युवाओं से रोज़गार के नाम पर सिर्फ छलावा किया है। बड़े-बड़े वादे कर सत्ता में आयी सरकार आज नौकरियों में कटौती, भर्तियों में भ्रष्टाचार, परीक्षा में पेपर लीक और बहाली में लेटलतीफी का पर्याय बन गयी है। दुखद बात है कि रोज़गार मांग रहे युवाओं को लाठी डंडों से बेरहमी से पीटा जाना बिल्कुल आम बात हो गयी है। आए दिन राजधानी लखनऊ से पुलिसिया बर्बरता की तस्वीरें आती रहती हैं। एक तरफ तो बेरोज़गार युवा सड़कों पर लाठियां खा रहे हैं, दूसरी तरफ सरकार झूठा प्रचार करने में आम जनता का पैसा फूंक रही है।"

अनुपम ने कहा कि उनका संगठन कोई राजनैतिक संगठन नहीं है, कोई कैडर बेस्ड संगठन नहीं है। हम उन अभ्यर्थियों के लिए काम कर रहे हैं जो सताए हुए हैं, जो बेरोजगार है, यो भुक्तभोगी हैं।

मुहिम के अंतर्गत युवा हल्ला बोल के नेताओं ने 'पढ़ाई कमाई दवाई' जैसे मुद्दों पर 2022 के लिए 22 सवालों का एक दस्तावेज जारी किया। साथ ही इन सवालों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए आगामी रूपरेखा भी सार्वजनिक किया। पहले चरण में सभी जिलों की यात्रा की जाएगी और दूसरे चरण में युवा महापंचायतों का आयोजन होगा।

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यूपी बेहाल क्यों है?- गोविंद मिश्रा

'युवा हल्ला बोल' के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा ने कहा, "शिक्षित बेरोज़गर युवाओं ने हर तरह की कोशिश कर ली। गुहार लगाई, शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया, लाठी डंडे खाए, बदनामी झेली लेकिन सरकार में युवाओं के वाजिब मुद्दों को लेकर कोई संवेदना नहीं दिखी। इसलिए अब युवाओं ने ठाना है कि चुनावी चोट देकर ही सरकार को होश में लाया जा सकता है। इसी क्रम में 2022 के लिए 22 सवाल के साथ हमने पूछा है कि क्यों हमारी यूपी आज बेहाल है।"

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में यात्रा के बाद 12 जनवरी से युवा चौपालों का आयोजन किया जाएगा। युवा हल्ला बोल के प्रदेश प्रभारी और महासचिव रजत यादव ने, "पहले चरण में प्रदेशव्यापी यात्रा के बाद 12 जनवरी से युवा महापंचायतों का आयोजन भी होगा।"

किसान आंदोलन की सफलता से मिली ताकत- अनुपम

किसानों आंदोलन को जीत को ऐतिहासिक बताते हुए अनुपम ने कहा कई लोगों में लोकत्रंत को लेकर उम्मीद कम होने लगी थी, इसने उसे जिंदा किया है। ये सिर्फ किसानों की जीत नहीं है, ये हमारी और हर नागरिक और देश की जीत है। जिस तरह ये आंदोलन हुआ और जिस ढंग से इसका समापन हुआ, सरकार पत्र दे रही है, लोग खुश हैं। यही लोकतंत्र है यही होना चाहिए, जो डेढ़ साल से हो रहा था वो नहीं होना चाहिए।"

उन्होंने आगे कहा, किसान आंदोलन के लोकत्रंत को जिंदा करने में जो आधा काम किया है, उसको पूरा करने का काम देश का युवा आंदोलन करेगा। युवा आंदोलन का केंद्र यूपी बिहार होंगे।

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