गांव की सरकार चलाएंगी ये 6 समितियां, प्रधान व सदस्य बनेंगे सभापति

ज्यादातर लोग समझते हैं कि ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान ही सब कुछ होता है लेकिन गांव की सरकार में पंच और ग्राम समितियों का अहम रोल होता है। ग्राम पंचायत को चलाने के लिए छह समितियां बनाई जाती है।

Ajay MishraAjay Mishra   26 May 2021 1:10 PM GMT

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गांव की सरकार चलाएंगी ये 6 समितियां, प्रधान व सदस्य बनेंगे सभापति

जालौन जिले की ग्राम पंचायत मलकपुर में कोविड जागरुकता को लेकर अधियान चलाते हुए ग्राम प्रधान अमित। फोटो साभार 

लखनऊ/कन्नौज। प्रधान ही ग्रामसभा का मुखिया होता है, यह बात सभी को पता है, लेकिन विकास कार्यों को गति देने के लिए छह समितियां भी गठित होती हैं। इसमें प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य ही सभापति होते हैं। विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल होते हैं। प्रधानों और ग्राम पंचायत के सदस्यों की शपथ प्रक्रिया 26 मई को पूरी होने के बाद अब 27 मई को समितियाों का गठन ग्राम सभा की पहली बैठक में किया जाएगा। हर ग्राम पंचायत में गठित होने वाली 6-6 समितियों में तीन में प्रधान और तीन में सदस्य समितियों के सभापति होंगे।

यूपी के कन्नौज के जिला पंचायती राज अधिकारी (डीपीआरओ) जितेंद्र कुमार मिश्र बताते हैं कि 'प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में 25 और 26 मई को वर्चुअल तरीके से शपथ ग्रहण हो गया है। 27 को पहली बैठक है। इसमें प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य शामिल होंगे। यह बैठकें पंचायत भवन और सामुदायिक भवन में होंगी।'

उन्होंने आगे कहा, " 'छह-छह समितियां जो गठित होंगी, हर समिति में एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग व महिला का होना जरूरी है। साथ ही सात विशेष आमंत्रित सदस्य भी विषय विशेषज्ञ के रूप में रहेंगे। लेकिन यह मतदान में प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे।'

डीपीआरओ आगे बताते हैं कि 'छह समितियों में नियोजन एवं विकास समिति, शिक्षा समिति, प्रशासनिक समिति, निर्माण कार्य समिति, स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति और जल प्रबंधन समिति शामिल हैं।' इसके अलावा डीपीआरओ का कहना है कि 'भूमि प्रबंधन समिति भी होती है। प्रधान ही इसके सभापति व उप प्रधान उप सभापति होते हैं। लेखपाल इस समिति के सचिव होते हैं। यह समिति पंचायत क्षेत्र के अंदर सार्वजनिक सम्पत्ति का रखरखाव व देखभाल करती है। साथ ही पेड़, वन, हाट बाजार और मेलों की भी व्यवस्था करती है।' उन्होंने आगे बताया कि 'तालाब, पोखर के विकास व भूमि प्रबंधक समिति चकबंदी में भी सहायता करेगी। संयुक्त समिति में दो या अधिक ग्राम पंचायतें मिलकर काम कर सकती हैं। यह संयुक्त समिति गठन कर सकती हैं।'

1-नियोजन एवं विकास समिति

नियोजन एवं विकास समिति में ग्राम पंचायत की योजना तैयार होगी। कृषि पशुपालन व गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रम संचालित होंगे। प्रधान सभापति और छह अन्य सदस्य में एससी, महिला व पिछड़े वर्ग का एक सदस्य जरूरी है।

2.शिक्षा समिति

शिक्षा समिति में प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा, साक्षरता से सम्बंधित काम होंगे। उप प्रधान सभापति होंगे।

3.निर्माण कार्य समिति

निर्माण कार्य समिति में सभी निर्माण कार्य कराना और गुणवत्ता सुनिश्चित करना होगा। इसमें ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य सभापति होंगे।

4.स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति

स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति में चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण विशेष रूप से महिला एवं बाल कल्याण की योजनाओं का संचालन होगा। साथ ही एससी, एसटी व पिछड़े वर्गकी उन्नति एवं संरक्षण का काम भी होगा। ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य सभापति होंगे।

5.प्रशासन समिति

प्रशासन समिति में कर्मियों सम्बंधी सभी विषय व राशन की दुकान सम्बंधी कार्य होंगे। प्रधान इसके सभापति रहेंगे।

6.जल प्रबंधन समिति

जल प्रबंधन समिति में राजकीय नलकूपों का संचालन व पेयजल सम्बंधी कार्य होंगे। ग्राम पंचायत की ओर से नामित सदस्य ही सभापति होंगे।

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