अध्यापक-अभिभावकों की कोशिशें रंग लाईं, सकरौली बन गया सबसे खास स्कूल
स्कूल की दीवारों व प्रत्येक कमरों में प्रेरणादायी स्लोगन व महापुरुषों के चित्र बनाए गए हैं। दीवारों का प्रयोग हम लोग टीएलएम की तरह भी करते हैं
Chandrakant Mishra 20 Feb 2019 8:06 AM GMT

कुशीनगर। बच्चों के विकास में अध्यापकों और अभिभावकों की अहम भूमिका होती है। उनकी कोशिश बच्चे का भविष्य संवार सकती है। इसकी झलक दिखती है विकास खंड हाटा के प्राथमिक विद्यालय सकरौली में। यहां के अध्यापक और एसएमसी सदस्यों ने अपनी मेहनत के दम पर इस विद्यालय की तस्वीर बदल दी है।
प्रधानाध्यापक संजीव मणि ने बताया, 'वर्ष 2015 में जब यहां नियुक्ति हुई तो विद्यालय काफी जर्जर था। विद्यालय के कमरे काफी खराब थे। टूटी-फूटी दीवारें और गड्ढे वाले कमरों में बच्चों को बैठने में काफी परेशानी होती थी। उस समय हमारे पास ऐसा कोई मद नहीं था, जिससे विद्यालय की मरम्मत की जा सके। मैंने अपने वेतन से करीब एक लाख रुपए खर्च कर विद्यालय की स्थिति को बदला। "
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दीवारों से सीखते हैं बच्चे
स्कूल की दीवारों व प्रत्येक कमरों में प्रेरणादायी स्लोगन व महापुरुषों के चित्र बनाए गए हैं। दीवारों का प्रयोग हम लोग टीएलएम की तरह भी करते हैं। राष्ट्रीय पक्षी, राष्ट्रीय चिह्न, पहाड़े और कविताएं भी दीवारों पर लिखी हुई हैं।
सहायक अध्यापक प्रशांत कुमार ने बताया, 'विद्यालय में 156 बच्चे पंजीकृत हैं, जिसमें 71 छात्र और 85 छात्राएं हैं। बच्चों की उपस्थिति करीब 80 प्रतिशत रहती है। बेहतर पढ़ाई और साफ-सफाई के लिए विद्यालय को जनपद में पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके साथ ही 2017 में मॉडल विद्यालय के रूप में चयनित हुआ है।'
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छुट्टी के लिए देना पड़ता है प्रार्थना पत्र
सरकारी विद्यालयों में अक्सर देखने में आता है कि बच्चा बिना बताए कई दिनों तक स्कूल से गायब रहता है, लेकिन इस स्कूल में बच्चे को छुट्टी लेने के लिए अभिभावक द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र लाना होता है। शिक्षक प्रार्थना पत्र में लिखे मोबाइल नंबर पर फोन कर छुट्टी लेने का कारण जान लेने के बाद स्वीकृति प्रदान करते हैं। सभी बच्चों के अभिभावकों के मोबाइल नंबर भी कार्यालय में उपलब्ध रहते हैं।
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बच्चों ने बनाया है सुंदर पार्क
विद्यालय परिसर में एक सुंदर सा पार्क है, जिसमें तरह-तरह के पौधे लगे हुए हैं। इन पौधों की देखभाल भी बच्चे करते हैं। गमलों में भी कई किस्म के पौधे लगाए गए हैं जो विद्यालय की खूबसूरती को और बढ़ाते हैं।
एसएमसी अध्यक्ष ध्रुव कुमार ने बताया, " हमारे गांव का विद्यालय पूरे न्याय पंचायत का सबसे बढ़िया स्कूल है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए यहां के अध्यापक मेहनत करते हैं। और बच्चों की उपस्थिति अच्छी रहे इसके लिए हम सभी सदस्य लोग काम करते हैं। हर माह बैठक होती है और सभी सदस्य अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह निभाते भी हैं।"
कक्षा पांचवीं के छात्र जावेद ने बताया, " मेरा स्कूल बहुत अच्छा है। मेरे गांव के कुछ बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ते हैं, वे भी मेरे स्कूल और यहां की पढ़ाई की तारीफ करते हैं।"
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