जहां नहीं पहुंची बिजली वहां पहुंचा शौचालय

सुरसती ने पिछड़े और आदिवासी समाज के गाँव के लोगों को स्वच्छता के प्रति किया जागरूक

Shefali Mani TripathiShefali Mani Tripathi   5 Nov 2018 11:28 AM GMT

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जहां नहीं पहुंची बिजली वहां पहुंचा शौचालय

लखनऊ। कहते हैं अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी काम आसान हो जाता है। यह बात सुरसती पर बिल्कुल सटीक बैठतीहै जिसने उस गाँव में लोगों को शौचालय के लिए प्रेरित किया जहां बिजली-पानी जैसी बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं थीं।


सुरसती सोनभद्र जिले के नगवा ब्लॉक में स्थित गाँव गोंगा की निवासी हैं। इस गाँव को पिछड़े और आदिवासी समाज की वजह से जानाजाता है। सुरसती ने अपने गाँव में न सिर्फ शौचालय बनवाया, बल्कि लोगों को उसके इस्तेमाल के लिए भी जागरूक किया। सुरसती केगाँव में जब स्वच्छ भारत अभियान की टीम आई और उन्हें शौचालय के उपयोग से सम्बंधित जानकारियां दी तो उससे प्रभावित हो करगाँव में कुछ अलग करने की बात सोची।

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"हमारे गाँव के चारों तरफ जंगल है। गाँव में शौचालय न होने पर गाँव की महिलाओं को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता था। कई बारछेड़छाड़ की बातें भी सामने आती थीं। जब गाँव आई स्वच्छ भारत की टीम ने शौचालय बनवाने की बात कही और उसके इस्तेमाल सेहोने वाले फायदों के बारे में बताया तो मैंने अपने गाँव में शौचालय बनवाने की बात सोची।" सुरसती ने बताया।

सुरसती के बारे में स्वच्छ भारत मिशन की जिला कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर किरन सिंह ने बताया, "उस गाँव में मैंने देखा कि वहां कुछमूलभूत सेवाएं भी नहीं थी, जब मैं लोगों को शौचालय के इस्तेमाल के बारे में बता रही थी उस वक्त मुझे सुरसती जागरूक लगी। उसनेगाँव के लोगों को शौचालय के बारे में जागरूक करने में रुचि दिखाई।"

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 90 देश अभी भी खुले में शौच से मुक्त नहीं हो पाए हैं, लेकिन भारत ने इसकेखिलाफ एक अच्छी कोशिश की है। भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत अभियान से लाखों लोगों कोमूलभूत स्वच्छता सेवाएं मिल रही हैं। स्वच्छ भारत मिशन की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग 530 जिले खुलेमें हो रहे शौच से मुक्त हो गए हैं।

"पहले लोग अपने-अपने घरों में शौचालय बनवाने की बात को नहीं मानते थे पर मैंने उन्हें बहुत समझाया, उन्हें बताया कि शौचालयबनवाना कर वो अपने ही घर की महिलाओं के लिए सुविधा उपलब्ध करा सकते हैं। शौचालय बन जाने पर उन्हें जंगल में नहीं जानापड़ेगा।" सुरसती बताती हैं।

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अब लगभग सभी घरों में शौचालय

सुरसती के पति ने भी उनका इस काम में उनका बहुत सहयोग किया। शौचालय बनवाने के क्षेत्र में सुरसती के योगदान के बारे में उन्होंनेबताया, "हमारे गाँव में कुल 40 घर है और अब लगभग सभी लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। गाँव की जमीन पथरीली है वहांशौचालय निर्माण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था लेकिन सुरसती ने शौचालय बनवाने में भी लोगों की मदद की।"

       

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